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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे हैं. बाइक रैली के बाद लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं फिर पुलिस इन्हें गिरफ्तार करने लगती है.
दावा किया जा रहा है कि वीडियो आरएसएस मुख्यालय का है. दिल्ली सीमा पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल किसानों ने आरएसएस के मुख्यालय पर धावा बोल दिया है. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि प्रदर्शन में शामिल लोग किसान नहीं यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता हैं.
बिहार यूथ कांग्रेस के ऑफिशियल फेसबुक पेज से वीडियो 18 जनवरी, 2021 को पोस्ट किया गया. वीडियो का कैप्शन है - अचानक RSS मुख्यालय पर किसानों ने धावा बोल दिया, फिर जो हुआ बवाल
ऑनलाइन मीडिया न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल पर भी वीडियो इसी कैप्शन के साथ अपलोड किया गया है. इस वीडियो को 2 लाख से ज्यादा बार देखा भी जा चुका है.
यूट्यूब वीडियो के लिंक को ट्विटर पर भी आरएसएस मुख्यालय पर किसानों के हमले का बताकर शेयर किया जा रहा है.
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर रैली में शामिल लोग कांग्रेस का झंडा हाथ में थामे देखे जा सकते हैं. एक बैनर पर भी नागपुर यूथ कांग्रेस लिखा दिख रहा है. मतलब साफ है कि वायरल वीडियो में मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे लोग किसान नहीं कांग्रेस कार्यकर्ता हैं.
दावे से जुड़े कीवर्ड सर्च करने से हमें आउटलुक वेबसाइट पर न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जनवरी ( मंगलवार) को यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में नागपुर स्थित हेडगेवार भवन के बाहर प्रदर्शन किया था. कार्यकर्ताओं पर बिना अनुमति भीड़ इकट्ठा करने पर पुलिस ने केस भी दर्ज किया था.
एनडीटी वेबसाइट पर भी नागपुर में हेडगेवार भवन के बाहर हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की रिपोर्ट है.
नागपुर के एक स्थानीय पत्रकार ने वेबकूफ से बातचीत में बताया कि 12 जनवरी को हेडगेवार भवन के बाहर यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन हुआ था. ये प्रदर्शन कांग्रेस नेता बंटी बाबा शेल्के की अगुवाई में हुआ था. प्रदर्शन केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ ही था, लेकिन इसमें किसान नहीं कांग्रेस कार्यकर्ता थे.
हमने नागपुर के कोतवाली थाना प्रभारी न्यानेश्वर भौसले से संपर्क किया. उन्होंने वेबकूफ को बताया - वायरल वीडियो 12 जनवरी का है. यूथ कांग्रेस नेता बंटी शेल्के ने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया था. चूकि प्रदर्शन बिना प्रशासन की अनुमति के हुआ था, इसलिए इसमें शामिल लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. इस प्रदर्शन में कोई भी किसान नहीं था, कांग्रेस कार्यकर्ता थे.
मतलब साफ है कि किसानों के आरएसएस मुख्यालय पर घेराव का बताया जा रहा वीडियो असल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का है.
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