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शाहीन बाग दादी के तौर पर गलत पहचानी गई महिला का कंगना को जवाब

मोहिंदर कौर ने कंगना रनौत के आरोपों पर क्विंट से बात की

अभिलाष मलिक
वेबकूफ
Updated:
शाहीन बाग दादी के तौर पर गलत पहचानी गई बुजुर्ग महिला से बातचीत
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शाहीन बाग दादी के तौर पर गलत पहचानी गई बुजुर्ग महिला से बातचीत
(फोटो: Altered By Quint)

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

75 साल की मोहिंदर कौर की बॉलीवुड एक्टर कंगना रनौत समेत कई लोगों ने शाहीन बाग की बिलकिस दादी के तौर पर गलत पहचान की. रनौत ने आरोप लगाया कि बुजुर्ग महिला '100 रूपए में उपलब्ध' है और अब वो विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ प्रदर्शन कर रही हैं.

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इस पर मोहिंदर कौर का कहना है, "वो मुंबई से है और मैं यहां से. वो मुझसे नहीं मिली और मैं उससे नहीं मिली. उनके पास क्या सबूत है कि मैंने प्रदर्शन के लिए 100 रुपये लिए हैं?"

रनौत के आरोपों का जवाब देते हुए पंजाब के बठिंडा के बहादुरगढ़ जांदियां गांव की किसान मोहिंदर कौर ने क्विंट से कहा:

“अगर कंगना किसानी का काम करना चाहती है तो मैं उन्हें 400 रुपये देने को तैयार हूं. अगर वो मेरी गाय-भैंसों का दूध निकालने, उन्हें खिलाने और उसके बाद साफ करने का काम करती है तो मैं उन्हें 500 रुपये देने को तैयार हूं. मैं अगर 100 रुपये के लिए प्रदर्शन करने जाऊंगी तो बहुत ज्यादा नुकसान उठाउंगी. वो खुद अच्छी इंसान नहीं हैं इसलिए बाकी लोगों के लिए उल्टा-सीधा बोलती हैं.”
मोहिंदर कौर, किसान

कौर ने साफ किया कि जो तस्वीर वायरल हो रही है वो 2 महीने पुरानी है और शायद बठिंडा में कैंचियां टोल प्लाजा के करीब एक पेट्रोल पंप पर हुए प्रदर्शन की है. कौर ने कहा कि वो दिल्ली जाने को तैयार थीं लेकिन ज्यादा उम्र की वजह से उन्हें चलने से मना किया गया.

सरकार को कानून वापस लेने चाहिए: कौर

केंद्र सरकार से किसानों के बारे में सोचने की अपील करते हुए मोहिंदर कौर ने कहा कि सरकार ने किसानों का हित सोचे बिना इन कानूनों को पास कर दिया.

मोदी सरकार ने इन काले कानूनों को पास कर दिया और कह रही है कि ये किसान के हित में हैं. अगर कानून हमारे हित में हैं, तो हम ठंड में सड़कों पर नहीं होते. सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए और किसानों को उनका हक देना चाहिए ताकि वो अपने घर लौट सकें. 
मोहिंदर कौर, किसान

कौर किसानों के हितों के लिए लड़ने को अडिग हैं और कहती हैं, "अगर मैं मर जाऊं तो फर्क नहीं पड़ता है, मैंने जिंदगी में सबकुछ देख लिया है. लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसानों का परिवार है और घरों के प्रति जिम्मेदारी है."

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Published: 03 Dec 2020,11:41 PM IST

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