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सिख रेजिमेंट के एक रिटायर्ड कैप्टेन और एक घायल किसान की तस्वीरों को इस झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि वो एक ही शख्स है और रिटायर्ड कैप्टेन को 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान किसानों के साथ प्रदर्शन करते समय मारा गया.
वायरल तस्वीर में दिख रहे रिटायर्ड कैप्टेन पृथीपाल सिंह ढिल्लों के बेटे सुखविंदर सिंह से क्विंट ने बात की. सुखविंदर ने पुष्टि की है कि घायल किसान उनके पिता नहीं हैं और वो प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे.
दो तस्वीरों को इस दावे के साथ शेयर किया गया कि दोनों शख्स एक ही हैं. कई यूजर ने सोशल मीडिया पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया:
“दोनों तस्वीरें एक ही इंसान की हैं ...सीमा के रक्षक की भी और रिटायर होने के बाद किसानों के साथ किसान होकर हक़ के लिए सड़क पर उतरने वाले की भी। डी पी एस ढिल्लों साहेब हैं ये। ITcell वालों के लिए ये खालिस्तानी हैं।”
वायरल तस्वीर में केक पर लिखे शब्द 'Captain PPS Dhillon' का एक कीवर्ड सर्च करने पर हम असल तस्वीर तक पहुंच गए. इसे सुखविंदर सिंह ने फेसबुक पेज ‘Sikh Military History Forum’ पर अपलोड किया था और लिखा था कि तस्वीर उनके पिता "माननीय कैप्टेन पृथीपाल सिंह ढिल्लों के जन्मदिन की है, जो कि 1993 में 17 सिख रेजिमेंट से रिटायर हुए थे."
सुखविंदर सिंह ने 29 नवंबर को अपने पिता के साथ अपनी भी एक तस्वीर निजी प्रोफाइल पर अपलोड की थी.
क्विंट ने सुखविंदर सिंह से संपर्क किया और उन्होंने पुष्टि की है कि वायरल तस्वीर में दिख रहे दोनों शख्स अलग हैं और उनके पिता किसान प्रदर्शन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
29 नवंबर से ही उस घायल किसान की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. क्विंट ने स्वतंत्र तौर पर इस शख्स की पहचान वेरिफाई नहीं की है.
हालांकि, ये तस्वीर एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट रमनदीप सिंह मान ने शेयर की थी और उन्होंने क्विंट को बताया कि इस शख्स की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है.
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