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बर्तन को चीरकर उसमें फंस गई बंदूक की गोली की एक फोटो वायरल है. इस फोटो को हाल में दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
क्या ये सच है ? : ये फोटो हाल में चल रहे किसान आंदोलन की नहीं है.
ये फोटो बांग्लादेश की है और म्यांमार - बांग्लादेश सीमा के पास खींची गई. फोटो में जो बंदूक की गोली बर्तन को चीरती दिख रही है, वो कथित तौर पर म्यांमार के कुछ विद्रोहियों ने चलाई थी.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें Dhaka Mail पर 7 फरवरी को छपी रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट में यही फोटो है और बताया गया है कि म्यांमार में विद्रोही समूहों और बांग्लादेशी सेना के बीच सीमा पर टकराव हुआ था.
रिपोर्ट में जिक्र है कि बांग्लादेश के बंदरबार और कॉक्स बाजार जिलों में गोलियों की आवाजें सुनी गईं.
Daily Naya Diganta और Sangbad पर 16 फरवरी को छपी अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास, चट्टोग्राम के टेकनाफ में एक द्वीप, शाहपरिर में स्थानीय लोगों ने "तीन से चार घंटों के दौरान तेज गोलाबारी की आवाज सुनी. "
इसमें एक स्थानीय व्यक्ति का बयान भी शामिल है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश की सीमा पर स्थित कुछ घरों की रसोई में गोलियां चलाई गईं.
हमने बांग्लादेशी पत्रकार से बात की : हमने बांग्लादेशी न्यूज चैनल Independent television के इनपुट हेड शाहिद सिद्दीकी से बात की, जिन्होंने पुष्टि की कि ये फोटो बांग्लादेश की ही है.
म्यांमार और बांग्लादेश के बीच क्या हुआ ? : बांग्लादेश के विदेश मंत्री के मुताबिक, म्यांमार की सीमा सुरक्षा पुलिस के लगभग 340 सैनिक एक स्थानीय समूह के साथ भिड़ंत के दौरान बांग्लादेश में भाग गए.
बांग्लादेश की बॉर्डर एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में यह भी खुलासा किया था कि म्यांमार के कुछ सैनिक म्यांमार के रखाइन राज्य में अराकान सेना के साथ हुए टकराव के चलते सीमा में घुस आए थे.
म्यांमार में जातीय अल्पसंख्यक सेनाओं के गठबंधन ने भी 2023 में सैन्य सरकार के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू किया है.
किसान आंदोलन: किसानों ने अपना 'दिल्ली चलो' मार्च 29 फरवरी तक रोक दिया है. हालांकि, इस बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी है.
शनिवार को एक युवा प्रदर्शनकारी किसान की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए धरना स्थल पर कैंडल मार्च भी निकाला गया.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, 'दिल्ली चलो' मार्च तब तक पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले रहेगा जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.
निष्कर्ष: बर्तन को चीरती दिख रही बंदूक की गोली की तस्वीर सोशल मीडिया पर दिल्ली सीमा पर चल रहे हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल है.
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