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किसानों के समर्थन में जर्मनी में नहीं हुआ प्रदर्शन, फर्जी है दावा

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि फोटो 26 नवंबर, 2019 को जर्मनी के बर्लिन में हुए किसानों के प्रदर्शन की हैं

सोनल गुप्ता
वेबकूफ
Published:
पड़ताल में तीनों फोटो जर्मनी मे नवंबर 2019 में हुए किसानों के प्रदर्शन की निकलीं
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पड़ताल में तीनों फोटो जर्मनी मे नवंबर 2019 में हुए किसानों के प्रदर्शन की निकलीं
फोटो: Altered by Quint Hindi

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सोशल मीडिया पर कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं. दावा किया जा रहा है कि जर्मनी में भी भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन हो रहा है. पड़ताल में सामने आया कि फोटोज नवंबर 2019 की हैं. जब जर्मन किसानों ने कृषि से जुड़ी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया था.

दावा

CPI-M नेता नीलोत्पल बसु ने 14 फरवरी को फोटोज शेयर करते हुए लिखा - “Farmers Protest in the German Capital, Berlin today. Farmers have driven their tractors right upto the Brandenburg Gate an iconic landmark in the heart of the city. This is how Democracy works.”

हिंदी अनुवाद - जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आज किसानों का प्रदर्शन हुआ. किसान अपने ट्रैक्टर चलाकर शहर के बीचों-बीच स्थित ब्रैंडेनबर्ग गेट तक ले आए. लोकतंत्र इस तरह काम करता है.

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कई अन्य यूजर ने भी तीनों फोटोज को इसी दावे के साथ शेयर किया

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कई यूजर फोटो शेयर करते हुए ये दावा भी कर रहे हैं कि जर्मन किसानों ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया

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पड़ताल में हमने क्या पाया

तीनों फोटोज 26 नवंबर, 2019 से पहले की हैं. यानी संसद में पास हुए उन कृषि कानूनों से पहले की,  जिनके विरोध में दिल्ली सीमा पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

पहली फोटो

फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें Seattle Times के आर्टिकल में यही फोटो मिली.फोटो का क्रेडिट न्यूज एजेंसी AP के फोटोग्राफर माइकल सोन को दिया गया है.

अलग-अलग कीवर्ड सर्च करने से हमें न्यूज एजेंसी AP की एक अन्य रिपोर्ट में भी यही फोटो मिली. फोटो का कैप्शन है - “Farmers have parked their tractors on the 'Road of June 17' in front of the Brandenburg Gate in Berlin, Germany, Tuesday, Nov. 26, 2019.”

कैप्शन का हिंदी अनुवाद - किसानों ने बर्लिन के ब्रेैंडबर्ग गेट के सामने अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए. जर्मनी, मंगलवार, 26 नवंबर 2019

सोर्स  : स्क्रीनशॉट/ वेबसाइट

दूसरी फोटो

जर्मन अखबार Der Tagesspiegel की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट में हमें दूसरी फोटो मिली. फोटो का क्रेडिट न्यूज एजेंसी Deutsche Presse-Agentur. की फोटोग्राफर मोनिका स्कोलिमाव्सका (Monika Skolimowska) को दिया गया है.

यही फोटो हमें स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइट ‘agefotostock.’ पर भी मिली. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक फोटो 26 नवंबर, 2019 को क्लिक की गई है. जब किसानों के प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर विक्ट्री कॉलम के सामने खड़े थे.

सोर्स  : स्क्रीनशॉट/ वेबसाइट

तीसरी फोटो

रिवर्स सर्च करने से यही फोटो हमें यूके की वेबसाइट Farmers Weekly पर भी मिली. फोटो का क्रेडिट यूरोपियन प्रेसफोटो एजेंसी के फोटोग्राफर Omer Messinger को दिया गया है.

यूरोपियन प्रेसफोटो एजेंसी पर दिए गए फोटो के डिस्क्रिप्शन में भी यही बताया गया है कि फोटो नवंबर 2019 में क्लिक की गई थी. फोटो की लोकेशन भी बर्लिन के 17 जूनी स्ट्रीट में ब्रैडनबर्ग गेट के सामने की ही बताई गई है.

सोर्स  : स्क्रीनशॉट/ वेबसाइट

क्यों प्रदर्शन कर रहे थे जर्मनी के किसान ?

26 नवंबर, 2019 को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हजारों की तादात में किसान इकट्ठा हुए. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक किसानों का आरोप था कि सरकार द्वारा कृषि नीतियों में जोड़ी गई पर्यावरण संबंधी बंदिशें बहुत ज्यादा हैं.  किसानों का ये भी कहना था कि सरकार की वजह से घरेलू कृषि के लिए इम्पोर्ट से मुकाबला करना असंभव हो गया है.

सितंबर, 2019 में चांसलर एंजेली मर्केल की कैबिनेट ने भूजल संरक्षण और कुछ जीव जंतुओं के संरक्षण के उद्देश्य से कीटनाशकों के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया था. जर्मन किसान तब से ही इस फैसले का विरोध ककर रहे हैं.

6 से 9 फरवरी के बीच किसानों ने प्रदर्शन किया था. किसानों का मानना है कि इससे उनकी आजीविका पर विपरीत असर पड़ेगा. वहीं जर्मन सरकार कीड़े-मकोड़ों की लगातार घट रही आबादी को संरक्षण देना चाहती है. प्रदर्शन की फोटोज यहां और यहां देखी जा सकती हैं.

मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर 2019 की फोटोज इस गलत दावे से शेयर की जा रही हैं कि जर्मन किसान भारतीय किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं.

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