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आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी (Stan Swamy) का सोमवार, 5 जुलाई को निधन हो गया. वो 85 साल के थे. तबीयत खराब होने पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ऐसे में सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि फोटो में दिख रहे शख्स स्टेन स्वामी हैं. जिन्हें अस्पताल के बेड से बांधा गया है.
हालांकि, हमने पाया कि फोटो में दिख रहा बुजुर्ग हत्या का दोषी है. जिसे उत्तर प्रदेश के एटा जिले के एक अस्पताल में इलाज के दौरान जंजीर से बांधकर रखा गया था.
फादर स्टेन स्वामी को अक्टूबर 2020 में भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था.
ये फोटो कई लोगों ने इस दावे के साथ शेयर की है कि ये फोटो दिवंगत एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की है.
इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC), कर्नाटक ने भी इस फोटो को शेयर कर लिखा है कि स्टेन स्वामी ने आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. उनकी आत्मा को शांति मिले.
हमने फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें NDTV की एक स्टोरी मिली. स्टोरी के मुताबिक, इस साल मई में यूपी के एटा जिले में 92 साल के कैदी बाबूराम सिंह को अस्पताल में इलाज के दौरान जंजीर से बांधा दिया गया था. बाबूराम हत्या का दोषी है.
फोटो वायरल होने के बाद यूपी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (जेल) आनंद कुमार ने वार्डन अशोक यादव को सस्पेंड कर दिया था.
इसके अलावा, हमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) की सदस्य कविता कृष्णन का एक ट्वीट मिला. जिसमें उन्होंने फादर स्टेन स्वामी की एक फोटो शेयर की थी.
ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अस्पताल में बंधे हुए 92 साल के एक शख्स की फोटो इस गलत दावे से शेयर की जा रही है कि वो फादर स्टेन स्वामी हैं.
बॉम्बे हाई कोर्ट में मंगलवार सुबह 11 बजे स्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन रविवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और सोमवार को उनका निधन हो गया.
मतलब साफ है कि यूपी में हत्या के दोषी बुजुर्ग को अस्पताल में बंधे हुए दिखाती फोटो, इस गलत दावे से शेयर की जा रही है कि वो फादर स्टेन स्वामी हैं.
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