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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का 10 साल पुराना एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साध रहे हैं.
8 फरवरी को राज्यसभा में पीएम मोदी ने नए कृषि कानूनों को सही ठहराते हुए कहा था कि देश को आंदोलनजीवी और आंदोलनकारी के बीच फर्क करना चाहिए. ‘आंदोलनजीवी’ शब्द को लेकर छिड़ी बहस के बीच सोशल मीडिया पर नितिन गडकरी का वीडियो वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है - कल प्रधानमंत्री मोदी जी ने सदन में #आन्दोलनजीवी #परजीवी जैसा कुछ कहा और आज नितिन गडकरी जी उनके विरुद्ध प्रेस के सामने ये कह रहे हैं.
एक अन्य यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा - प्रधानमंत्री जी के आंदोलनजीवी कहने पे गडकरी जी का शानदार जवाब
वीडियो फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. सोहेल साहिल नाम के यूजर द्वारा शेयर किए गए ऐसे ही पोस्ट को 19,000 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.
वीडियो में नितिन गडकरी कहते दिख रहे हैं कि - प्रधानमंत्री जो बात कह रहे हैं वो लोकतंत्र के विरोध में है. इस देश में भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ आंदोलन करना लोकतंत्र में जनता का अधिकार है, संवैधानिक अधिकार है. विपक्ष का अधिकार है, काम करने वाले देश के नागरिकों का अधिकार है. ये अधिकार कोई कांग्रेस पार्टी या प्रधानमंत्री जी ने हिंदुस्तान के लोगों को नहीं दिया है. ये अधिकार हमारे संविधान में है.
जो 2जी स्पैक्ट्रम में जीरो भ्रष्टाचार की बात कहते थे. जो लोग बाबा रामदेव को संत कहते थे. जिन लोगों ने अन्ना हजारे से 10 बार चर्चा की, तब लोग अच्छे थे. अब भ्रष्टाचार हटाने की बात को छोड़कर जो बोल रहे हैं उन्हीं को समाप्त करने की बात की जा रही है.
अलग-अलग कीवर्ड सर्च करने से हमें बीजेपी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला. 15 अगस्त,2011 का ये वीडियो सोशल मीडिया पर 16 अगस्त, 2011 को अपलोड किया गया है. पूरा वीडियो देखने पर साफ हो रहा है कि गडकरी 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की बात कर रहे हैं.
2011 में स्वतंत्रता दिवस के भाषण पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दिए भाषण का हिंदी अनुवाद है - भ्रष्टाचार की रोकथाम वाला बिल संसद में पास कर दिया गया है. जिन्हें बिल से आपत्ति है उन्हें संसद, राजनीतिक दलों या प्रेस के सामने अपने विचार रखने चाहिए. मनमोहन सिंह ने आगे कहा - मैं मानता हूं कि उन्हें भूख हड़ताल नहीं करनी चाहिए.
मतलब साफ है कि नितिन गडकरी का पुराना वीडियो हाल में प्रधानमंत्री के आंदोलनजीवी वाले भाषण से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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