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धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' रिलीज के बाद से लगातार विवादों में है. फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना की जिंदगी पर बनी इस फिल्म पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं और इसे लेकर कई दावे भी किए जा रहे हैं.
अब कई न्यूज वेबसाइट्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा है कि गुंजन सक्सेना को शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो कि सच नहीं है. गुंजन सक्सेना को कभी भी शौर्य चक्र से सम्मानित नहीं किया गया, लेकिन कारगिल युद्ध के बाद, उन्हें उत्तर प्रदेश के एक नागरिक संगठन से 'शौर्य वीर' पुरस्कार मिला था.
इंडिया टुडे और द इंडियन एक्सप्रेस समेत कई न्यूज वेबसाइट्स ने लिखा कि कारगिल युद्ध के दौरान साहस और धैर्य दिखाने के लिए गुंजन सक्सेना को शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ScoopWhoop ने ये भी लिखा कि शौर्य चक्र से सम्मानित होने वालीं गुंजन सक्सेना पहली महिला हैं.
इंग्लिश न्यूजपेपर द हिंदू ने भी ये बताया कि सक्सेना ने पुरस्कार जीता लेकिन बाद में इसे हटाते हुए उन्होंने माफी मांगी.
सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने भी ऐसी ही जानकारी शेयर की.
हमने रक्षा मंत्रालय की गैलेंट्री अवार्ड्स वेबसाइट चेक की और वहां फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना का कोई रिकॉर्ड नहीं पाया.
इसके अलावा, NDTV पर पब्लिश्ड ब्लॉग में गुंजन सक्सेना ने खुद बताया है कि उन्होंने कभी शौर्य चक्र मिलने का दावा नहीं किया.
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' में भी कहीं हमें गुंजन सक्सेना के शौर्य चक्र से सम्मानित होनी का संदर्भ नहीं मिला.
गुंजन सक्सेना के साथ ट्रेनिंग लेने वालीं विंग कमांडर नमृता चांडी (रिटायर्ड) ने भी आउटलुक पर एक ब्लॉग में लिखा कि गुंजन सक्सेना के शौर्य चक्र से सम्मानित होने के दावे में कोई सच्चाई नहीं है.
शौर्य चक्र एक वीरता पुरस्कार है, जो अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के बाद क्रम में तीसरा है. ये सैन्य कर्मियों के साथ-साथ नागरिकों को भी सम्मानित किया जा सकता है.
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