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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर ट्विटर पर काफी गलत जानकारियां फैल रही हैं. ऐसा ही एक पोस्ट, जो ट्विटर पर काफी सरकुलेट हो रहा है, उसमें दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में दिख रही महिला डॉ. राजकुमारी बंसल (Dr. Rajkumari Bansal) हैं - वही महिला, जिनपर नक्सल से जुड़े होने का आरोप था और वो हाथरस पीड़िता की भाभी (Hathras Victim’s kin) होने का नाटक कर रही थी.
राइट विंग लेखक और कमेंटेटर शेफाली वैद्य और बीजेपी नेता गौरव तिवारी समेत कई यूजर्स - जिन्होंने हमारे फैक्ट चेक के बाद अपने ट्वीट को हटा दिया - पोस्ट को इस आरोप के साथ शेयर किया कि विरोध करने वाले "असली किसान" नहीं हैं. ट्विटर और फेसबुक पर इन पोस्टों को सैकड़ों और हजारों बार शेयर किया गया.
हालांकि, न तो नैरेटिव और न ही विरोध की तस्वीरों में सच्चाई है, ये फरवरी 2020 की पुरानी तस्वीर थी जिसे शेयर किया गया था.
इसके बाद, हमने देखा कि तस्वीर में लोग भारतीय किसान यूनियन के झंडे पकड़े हुए थे. इसलिए, हमने इसे बीकेयू के फेसबुक पेज पर देखा और पाया कि ये तस्वीर फरवरी 2020 को अपलोड किया गया था.
यहां ये याद कीजिए की, ये वो समय था जब देश भर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और कृषि कानून, जिसके खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे सितंबर 2020 में पारित किया गया था.
आगे के वेरिफिकेशन के लिए, हमने वायरल तस्वीर की इस महिला के साथ डॉ. राजकुमारी की तस्वीर की सिंपल फेशियल कम्पेरिजन की. इससे भी साफ तौर पर पता चला कि वे दोनों अलग-अलग लोग हैं. हमने डॉ. राजकुमारी से भी संपर्क किया, जिन्होंने किसी भी विरोध में भाग लेने से इनकार किया और कहा कि दावे 'फर्जी' हैं
साफ तौर पर, झूठे प्रचार और गलत सूचना फैलाने के लिए एक गलत नैरेटिव बनाई जा रही है. अगर आपको इस तरह के कोई भी पोस्ट, वीडियो, तस्वीर या ट्वीट मिलते हैं, तो इसे हमें webqoof@thequint.com पर भेजें या हमें 9643651818 पर व्हाट्सएप करें, और हम इसे आपके लिए वेरिफाई करेंगे.
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