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पूरे देश में कोरोना से जुड़े मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे समय असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार, 3 अप्रैल को दावा किया कि असम के लोगों को जानलेवा वायरस से बचने के लिए मास्क पहनने की जरूरत नहीं है क्योंकि ''राज्य में कोविड-19 नहीं है''.
हालांकि, राज्य और केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सरमा का दावा गलत है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अनुसार, सोमवार, 5 अप्रैल को, असम में कुल 1,964 सक्रिय COVID मामले आए. इसके अलावा, राज्य सरकार के 5 अप्रैल को दोपहर 1:07 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्य में 515 सक्रिय मामले हैं.
न्यूज वेबसाइट Lallantop से बातचीत में सरमा ने कहा कि ''केंद्र हमें निर्देश दे सकता है, लेकिन असम के संदर्भ में इन दिनों कोविड का कोई मामला नहीं है.
सरमा ने आगे कहा कि सरकार की प्राथमिकता राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी में लाना है और अगर लोग मास्क पहनेंगे तो ब्यूटी पार्लर की कमाई कैसे होगी.
असम में कोरोना से जुड़े मामले ज्यादा नहीं हैं, लेकिन ये दावा भ्रामक है कि असम पूरी तरह से इस वायरस से मुक्त है.
MoHFW के आंकड़ों के मुताबिक, असम में सोमवार 5 अप्रैल तक 1964 कोविड 19 के मामले हैं, जिनमें से 4 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच 19 नए मामले सामने आए हैं.
हालांकि, राज्य सरकार के डैशबोर्ड में COVID मामलों की अलग संख्या बताई गई है. उनकी वेबसाइट के अनुसार, यह आंकड़ा 515 है.
हमने 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच राज्य में दर्ज किए गए नए मामलों की संख्या को भी देखा और पाया कि 30 मार्च को 53 नए मामले आए थे और 31 मार्च तो 49 मामले सामने आए. इसके अलावा, राज्य में कोविड के नए मामलों में बढ़ोतरी भी देखी गई है.
सरमा ने लोगों को मास्क न पहनने की भी सलाह दी. इसलिए, ये भी देखते हैं मास्क पहनना प्रभावी और उपयोगी है या नहीं.
दिसंबर 2019 में कोरोनावायरस फैलने के बाद से, दुनियाभर के डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क जरूरी है.
क्विंट ने पिछले कई महीनों में कोविड 19 से जुड़ी कई स्टोरी की हैं और कोविड 19 को रोकने में फेस मास्क के महत्व को समझने के लिए इन एक्सपर्ट से बात भी की.
इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी महामारी से लड़ने में फेस मास्क की जरूरत को समझाया है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने भी अपनी गाइडलाइन में बताया है कि मास्क सोशल डिस्टैंसिंग का विकल्प नहीं है. इसे तब भी पहनना चाहिए जब आप सुरक्षित दूरी बनाकर रह रहे हों.
भारत में 5 अप्रैल को अब तक के एक दिन में सबसे ज्यादा मामले आए हैं. महामारी के फैलने के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है जब एक दिन में एक लाख मामले आए हैं. सरकार बार-बार इस बात पर जोर दे रही है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और हमेशा मास्क पहना जाए. ऐसे समय में हिमंता बिस्वा सरमा का असम में कोविड 19 न होने से जुड़ा दावा भ्रामक है. ये तथ्यों और आंकड़ों से मेल नहीं खाता.
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