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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक शख्स दो लड़कियों को चाकू दिखाकर धमकाते हुए दिख रहा है. वीडियो शेयर कर युवक को 'लव जिहादी' बताते हुए इशारा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में एक मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के युवक हिंदू बच्चियों को डरा रहा है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के इंदौर का तो है, लेकिन इसके साथ शेयर हो रहा दावा सही नहीं है. वीडियो में दिख रहा शख्स मुस्लिम कम्यूनिटी से नहीं बल्कि हिंदू कम्यूनिटी से है. संबंधित थाने के इंसपेक्टर ने भी दावे को खारिज करते हुए आरोपी को हिंदू समुदाय का बताया है.
वीडियो शेयर कर एक फेसबुक यूजर ने लिखा, ''यह देखो लव जिहादी हिंदू बच्चियों को कैसे डरा धमका कर अपने जाल में फंसाते है अगर किसी भी बच्ची को कोई भी इस प्रकार से धमकाए तो डरने की जरूरत नही है तुरंत अपने घर वालो को जानकारी देकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराए*तो यह लोग अपने मकसद में कामयाब नही हो पाएंगे''
वायरल वीडियो एमपी के इंदौर शहर का बताया जा रहा है. यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर वीडियो से जुड़े जरूरी कीवर्ड डालकर सर्च किया.
हमें News 18 पर 27 जुलाई को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसमें इस्तेमाल की गई फोटो में वही शख्स देखा जा सकता है जो वायरल वीडियो में दिख रहा है.
रिपोर्ट की हेडलाइन थी, ''Indore: शादी के लिए चाकू की नोक पर युवती को धमकाया, सनकी आशिक गिरफ्तार''.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला इंदौर के एमआईजी थाना क्षेत्र का है. जहां 25 जुलाई को पीयूष उर्फ शानू नाम के एक सिरफिरे आशिक ने एक युवती और उसकी सहेली को चाकू की नोक पर धमकाया था.
स्टोरी में, एमआईजी थाना प्रभारी अजय वर्मा के हवाले से बताया गया है कि वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपी पीयूष को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि, युवती की तरफ से कोई शिकायत नहीं की गई. लेकिन पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की.
हमने मध्य प्रदेश पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी देखा. हमें मामले से जुड़ी 25 जुलाई 2022 की कॉपी मिली.
एफआईआर के मुताबिक, भरत सिंह रावत के बेटे पीयूष रावत को चाकू लहराने के जुर्म में आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत गिरफ्तार किया गया था.
हमने ज्यादा जानकारी के लिए, एमआईजी थाने से भी संपर्क किया. थाने में तैनात इंसपेक्टर अजय वर्मा ने हमें वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया कि:
मतलब साफ है कि वीडियो को गलत कम्यूनल दावे से शेयर किया जा रहा है.
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