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देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की गंगा में डुबकी लगाते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर में दावा है कि 1954 में आयोजित कुंभ में भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने पवित्र गंगा में डुबकी लगाई थी.
लेकिन इस खबर में कितनी सच्चाई है? आइए करते हैं इस खबर की पड़ताल.
फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने 18 जनवरी को ट्वीट करते हुए लिखा, “ताकि सनद रहे: पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी कुंभ में स्नान कर चुके हैं और जनेऊ भी धारण किए हुए हैं.”
विनोद कापड़ी के इस ट्वीट को बहुत से लोगों ने री-ट्वीट किया है. कुछ लोगों ने री-ट्वीट करते हुए सवाल भी खड़े किए हैं कि यह तस्वीर कुंभ मेले की नहीं है. एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा:
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर साल 1954 के कुंभ मेले की नहीं है. पंडित नेहरू के कुंभ में डुबकी लगाने का दावा गलत है.
वायरल होती यह तस्वीर 10 जनवरी, 1938 की है. ओपन मैग्जीन के मुताबिक, पंडित जवाहरलाल नेहरू की माता के देहांत के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान यह तस्वीर इलाहाबाद में ली गई थी.
'इंडिया टुडे' मैग्जीन में छपी इस तस्वीर से भी इस बात की पुष्टि होती है.
सिडनी में विश्व इतिहास के जानकार एसोसिएट प्रोफेसर कामा मैकलीन ने अपनी किताब ‘पिलग्रिमेज एंड पावर द कुंभ मेला इन इलाहाबाद फ्रॉम 1776-1954’ में नेहरू की साल 1954 के कुंभ मेले की एक तस्वीर छापी है. तस्वीर में पंडित नेहरू पूर्णिमा की शाम संगम के घाट पर नजर आ रहे हैं.
तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि पंडित नेहरू अपना हाथ संगम के पास पानी में डुबाते हैं. फोटोग्राफर ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने गंगा में डुबकी नहीं लगाई थी.
3 फरवरी 1954 मौनी अमावस्या के दिन कुंभ मेले में भगदड़ से तकरीबन 800 लोगों की मौत हो गई थी और दो हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
इस तरह से हमारी पड़ताल में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के साल 1954 में कुंभ के दौरान गंगा में पवित्र डुबकी लगाने का दावा झूठा निकला.
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