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इन दिनों सोशल मीडिया पर बीजेपी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किए गए कुछ ट्वीट तेजी से वायरल हो रहे हैं. इसमें दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साढ़े चार साल के कार्यकाल में देश के गांवों में 1 करोड़ 30 लाख घर बनाए गए हैं, जबकि यूपीए के शासनकाल में केवल 25 लाख घर ही बनाए गए थे.
क्या वाकई ये दावा सच है? आइए करते हैं इस खबर की पूरी पड़ताल.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जनवरी को गुजरात के सूरत शहर में एक सभा को संबोधित करते हुए दावा किया था कि उनके कार्यकाल में अब तक ग्रामीण आवास योजना के तहत रूरल इलाकों में एक करोड़ 30 लाख घर बन चुके हैं. इसी दावे को बीजेपी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “साल 2014 के बाद देश के ग्रामीण इलाकों में 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण किया जा चुका है”
एक दूसरे ट्वीट में लिखा है, “बीते साढ़े 4 सालों में शहर में रहने वाले गरीब भाई-बहनों के लिए 13 लाख से अधिक घर बनाए जा चुके हैं. शहरों में लगभग 70 लाख नए घर और बनाने के लिए सरकार स्वीकृति दे चुकी है.”
मिनिस्ट्री ऑफ रूलर डेवलपमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक साल 2014 के बाद से अब तक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत कुल 72,24,850 मकान ही बने हैं.
प्रधानमंत्री के दिए आंकड़े और ऑफिशियल साइट पर दिए गए आंकड़े, दोनों में 57,75,150 का अंतर है.
वेबसाइट का अध्ययन करने पर पता चला कि पिछले दो बरस में साल 2017 से 2019 के बीच केवल 76,48,106 मकान ही बने हैं.
वेबसाइट पर तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे, तो आप पाएंगे की एक साल की एक रिपोर्ट के दो अलग अलग आकड़े हैं. यानी आकड़ों में आपको साफ अंतर दिख जाएगा.
पीएम मोदी ने अपनी सभा में यह भी दावा किया कि यूपीए को शासनकाल में 25 लाख ही घर बनाए गए थे. पीएम मोदी इस तरह का दावा इससे पहले भी कर चुके हैं.
पीएम मोदी ने 19 अक्टूबर, 2018 को भी कुछ इसी तरह का दावा करते हुए कहा था कि यूपीए के चार साल के शासनकाल में केवल 25 लाख घर बने थे. हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यूपीए सरकार ने साल 2010 से 2014 के बीच 89.65 लाख घर बनवाए थे.
इस तरह हमारी पड़ताल में पीएम मोदी का साढ़े चार साल में एक करोड़ 30 लाख घर बनवाने का दावा गलत निकला.
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