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कश्मीर की ये वायरल तस्वीर BJP या कांग्रेस, किसके शासन की? क्या है दावा

ये दोनों ही फोटो BJP के शासन के दौरान की हैं, जबकि इन्हें शेयर कर कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है.

टीम वेबकूफ
वेबकूफ
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<div class="paragraphs"><p>ये दोनों ही फोटो BJP के शासन के दौरान की हैं</p></div>
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ये दोनों ही फोटो BJP के शासन के दौरान की हैं

(फोटो: Altered by the Quint)

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सोशल मीडिया पर एक साथ दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इन्हें शेयर कर बीजेपी और कांग्रेस के शासन में कश्मीर की अलग-अलग स्थिति दिखाई जा रही है. दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के शासन में कश्मीर की स्थिति कांग्रेस के शासन की तुलना में कैसे बदली.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है, क्योंकि ये दोनों तस्वीरें केंद्र में बीजेपी के सत्ता में होने के दौरान की ही हैं. जहां एक तस्वीर 2017 की है, तो वहीं दूसरी इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान खींची गई थी.

दावा

बीजेपी यूपी के नेता ओपी मिश्रा ने ये तस्वीरें शेयर की हैं. इनमें एक फोटो को कांग्रेस शासन के दौरान कश्मीर की स्थिति दिखाने और दूसरे फोटो में बीजेपी शासन के दौरान कश्मीर की स्थिति दिखाने के दावे के साथ शेयर किया गया है.

इनमें से एक फोटो में पथराव करती महिलाएं दिख रही हैं, तो वहीं दूसरी फोटो में तिरंगा लहराते खुश बच्चे दिख रहे हैं.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इन तस्वीरों को फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह इसी दावे के साथ शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने पाया कि तस्वीरों के सेट के साथ शेयर किया जा रहा दावा भ्रामक है. और दोनों तस्वीरें तब ली गई थीं तब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. आइए एक-एक करके दोनों तस्वीरों को देखते हैं.

पहली तस्वीर

Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें The Times का 28 अप्रैल 2017 का एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. आर्टिकल की हेडलाइन में लिखा है, 'India deploys women to police schoolgirl protests.'(यानी भारत में स्कूल की छात्राओं को रोकने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को लगाया गया)

ये आर्टिकल 2017 को पब्लिश हुआ था.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/The Times)

इस तस्वीर के लिए European Pressphoto Agency (EPA) के फोटोग्राफर फारुख खान को क्रेडिट दिया गया है. जरूरी कीवर्ड के साथ EPA की वेबसाइट पर सर्च करने पर हमें ये वायरल तस्वीर मिली. इसे 22 अप्रैल 2017 को श्रीनगर में खींचा गया था.

ये फोटो एक प्रोटेस्ट की है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/European Pressphoto Agency)

तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है: 'कश्मीरी महिला छात्रों ने 24 अप्रैल 2017 को भारतीय कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में झड़पों के दौरान पुलिस पर पत्थर फेंके.'

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कैप्शन में लिखा है कि इस इलाके में 15 अप्रैल 2017 से छात्रों का प्रोटेस्ट चल रहा था. जब सुरक्षाबलों ने पुलवामा के एक कॉलेज पर छापा मारा था. जिसमें कई छात्र घायल हुए थे.

मतलब साफ है कि ये फोटो तब की है जब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी न कि कांग्रेस की. अगर जम्मू-कश्मीर सरकार के बार में बात करें तो 2017 में यहां बीजेपी-पीडीपी के नेतृत्वी वाला गठबंधन सत्ता में था. हालांकि, बीजेपी ने 2018 में पीडीपी के साथ गठबंधन से अपने हाथ खींच लिए थे.

दूसरी तस्वीर

वायरल तस्वीर को ध्यान से देखने पर हमें बच्चों के पीछे दिख रही इमारत पर 'Goodwill' और 'Pora' लिखा हुआ दिखा.

फोटो में पीछे Goodwill लिखा दिख रहा है

(फोटो: Altered by The Quint)

हमने जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च किया. हमें जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में स्थित आर्मी गुडविल स्कूल (Army Goodwill School) की वेबसाइट मिली.

क्विंट की वेबकूफ टीम से स्कूल के अधिकारियों ने कहा कि वायरल तस्वीर उनके स्कूल की है और इसी साल की है.

इसके अलावा, बांदीपोरा के एक स्थानीय रिपोर्टर एजाज-उल-हक भट ने पुष्टि की कि ये तस्वीर AGS, बांदीपोरा में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ली गई थी.

मतलब साफ है कि दोनों तस्वीरें तब की हैं, जब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. जबकि सोशल मीडिया में इनमें से एक तस्वीर को कांग्रेस के शासन के समय की बताकर शेयर की जा रही है.

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