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राजस्थान (Rajasthan) में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले कन्हैयालाल मर्डर केस (Kanhaiya lal Murder Case) और जयपुर (Jaipur) में आपसी झगड़े में मारे गए इकबाल से जोड़कर दावा किया जा रहा है कि दोनों के परिवारों को मिलने वाली मुआवजे की राशि में धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है.
क्या है दावा?: कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि कन्हैयाल की हत्या के बाद उसके परिवार वालों को जहां सिर्फ 5 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है, वहीं इकबाल के घर वालों को 50 लाख का मुआवजा दिया गया.
दावे को सांप्रदायिक एंगल देते हुए राजस्थान में कांग्रेस सरकार को इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है.
ये दावा फेसबुक और X दोनों प्लेटफॉर्म में कई यूजर्स ने शेयर किया है.
(इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)
सच क्या है?: हमने दोनों मामलों में मिलने वाले मुआवजे की राशि से जुड़ी पड़ताल की और पाया.
जयपुर के इकबाल की हत्या से जुड़े मामले में इकबाल के परिवार वालों को 50 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा के साथ परिवार के सदस्य को संविदा पर नौकरी और डेयरी बूथ देने का ऐलान किया है.
वहीं कन्हैयालाल हत्याकांड में भी गहलोत सरकार ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की धनराशि और कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी की घोषणा की थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने दोनों हत्याकांड से जुड़ी रिपोर्ट्स और जानकारी सर्च की. यहां दोनों मामलों से जुड़ी पड़ताल पर एक-एक करके नजर डालते हैं.
जयपुर इकबाल हत्याकांड: Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 अगस्त को जयपुर के सुभाष चौक में इकबाल को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला.
रिपोर्ट में जयपुर पुलिस कमिश्नर बिर्जू जॉर्ज के हवाले से लिखा गया है कि दो मोटरसाइकिलों के आपस में भिड़ने के बाद वहां रुके दो लोगों में से एक (इकबाल) को कुछ लोगों ने गलतफहमी की वजह से पीटकर मार डाला.
पुलिस के मुताबिक, इकबाल दो मोटरसाइकिलों के भिड़ने के बाद उनकी मदद के लिए रुका था.
पुलिस के मुताबिक, जिन दो लोगों की बाइक भिड़ी थीं, उनके बीच झगड़ा होने के बाद वो सुलझ गया, लेकिन इकबाल की स्थानीय लोगों से बहस के बाद कुछ लोगों ने उस पर डंडे और रॉड से हमला किया.
इकबाल को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
सरकार ने की है 50 लाख के मुआवजे की घोषणा: कांग्रेस से विधायक अमीन कागजी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को संविदा में नौकरी और डेयरी बूथ की घोषणा की गई है.
हमें अमीन कागजी के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर एक पोस्ट भी मिली, जिसमें इस बारे में बताया गया था.
कन्हैयालाल हत्याकांड के बारे में: रिपोर्ट के मुताबिक, उदयपुर में 28 जून 2022 को कथित तौर पर नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करने पर दो युवकों ने कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी.
इसके बाद, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कन्हैयालाल के परिवार वालों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया था.
सीएम अशोक गहलोत के ऑफिशियल X हैंडल से 29 जून 2022 को किए गए पोस्ट के मुताबिक, पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजे की घोषणा की गई थी.
हमें राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर भी इस बारे में एक प्रेस रिलीज मिली.
30 जून 2022 को जारी इस प्रेस रिलीज के मुताबिक, सीएम गहलोत ने कन्हैयालाल के परिवार से मुलाकात कर उन्हें 50 लाख का चेक दिया था.
The Quint की रिपोर्ट के मुताबिक, कन्हैयलाल के दो बेटों को राज्य सरकार में सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की गई थी.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कन्हैयालाल के बेटों को नौकरी देने के लिए कुछ नियमों में बदलाव भी किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि ऐसे मामलों में एक परिवार के दो सदस्यों को नौकरी देने का नियम नहीं था.
इसके अलावा, हमें राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (DIPR Rajasthan Fact Check) के x हैंडल से शेयर किया गया एक पोस्ट भी मिला, जिसमें वायरल दावे को भ्रामक बताया गया है.
पोस्ट के मुताबिक, कन्हैयालाल के परिवार को 50 लाख के मुआवजे के साथ-साथ परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी भी दी गई है.
निष्कर्ष: साफ है कि कन्हैयालाल हत्याकांड और इकबाल हत्याकांड के बाद उनके परिवार को सरकार की ओर से दी जाने वाली मुआवजा राशि को लेकर भ्रामक दावा किया जा रहा है. दोनों परिवारों को 50-50 लाख की धनराशि दी गई है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
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