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4 जुलाई को, न्यूज पोर्टल अमर उजाला ने रिपोर्ट किया कि कुछ लोगों ने मोहम्मद आतिब नाम के एक ऑटो ड्राइवर को वॉशरूम में बंद कर उसे पत्थर से मारा. ये घटना बुधवार, 3 जुलाई को कानपुर के बाबू पुर्वा इलाके में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों ने आतिब पर इसलिए हमला किया, क्योंकि उसने 'जय श्री राम' का नारा लगाने से मना कर दिया था.
इस खबर को कारवां डेली, द टेलीग्राफ, द सियासत डेली और न्यूज सेंट्रल 24x7 ने भी रिपोर्ट किया था. जर्नलिस्ट सबा नकवी समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इसी दावे के साथ ट्वीट किया.
ये दावा कि ऑटो ड्राइवर को 'जयश्री राम' नहीं बोलने पर मारा गया, झूठा है. आतिब ने द क्विंट को कंफर्म किया है कि उन्हें 'जयश्री राम' के नारे लगवाने के लिए नहीं कहा गया. उनपर लोगों ने किसी और कारण से हमला किया.
मोहम्मद आतिब, जिन्होंने खुद को आकिब बताया, ने क्विंट को बताया कि उसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए नहीं कहा गया.
उनके मुताबिक, कुछ लोगों ने उनसे ऑटो में उन्हें घर छोड़ने के लिए कहा था.
आकिब ने ये भी बताया कि वो लोग नशे की हालत में थे.
पीड़ित के पिता, अजमेरी ने भी क्विंट को कंफर्म किया कि इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
दक्षिण कानपुर की एएसपी रवीना त्यागी ने बताया कि आकिब से 'जयश्री राम' के नारे लगवाने का दावा झूठा है.
हालांकि, आकिब के मुताबिक, वो आरोपियों को नहीं जानता था, लेकिन कानपुर के एएसपी चक्रेश मिश्रा के मुताबिक उनकी जांच में सामने आया है कि आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को जानते हैं.
उन्होंने कहा, 'दोनों भले दोस्त न हों, लेकिन दोनों एक-दूसरे के आसपास रहते हैं और हमारी जांच में सामने आया है कि दोनों का परिवार एक-दूसरे को जानता है.'
हालांकि, उन्होंने भी इस बात से इनकार किया कि आकिब से जबरदस्ती 'जयश्री राम' के नारे लगवाए गए. उन्होंने कहा कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जो लोग फेक न्यूज फैला रहे हैं, उनके खिलाफ एएफआईआर की गई है.
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