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सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग लाठी से लोगों पर हमला करते नजर आ रहे हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर करने वाले कई यूजर्स ने दावा किया है कि ये वीडियो केदारनाथ (Kedarnath) का है जहां घोड़ा-खच्चर संचालक मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू तीर्थयात्रियों को पीटा.
क्विंट की WhatsApp टिपलाइन पर भी वीडियो से जुड़ी क्वेरी आई हैं.
(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)
सच क्या है?: वीडियो में दिख रही घटना केदारनाथ धाम की ही है, लेकिन घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
वीडियो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ धाम का है, जहां घोड़-खच्चर संचालकों ने 10 जून को तीर्थयात्रियों पर लाठी से हमला किया था. ये घटना यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हुई बहस के बाद हुई थी.
क्विंट से बातचीत में रुद्रप्रयाग के सीओ प्रबोध घिलडियाल ने बताया कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. घटना में शामिल सभी लोग हिंदू समुदाय से थे.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: कीवर्ड सर्च के जरिए हमने वायरल वीडियो से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट देखीं.
हमें Free Press Journal का एक आर्टिकल मिला, जिसमें वायरल वीडियो का भी इस्तेमाल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग की है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
हमें रुद्रप्रयाग पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से किया गया एक ट्वीट भी मिला, जिसमें बताया गया था कि घटना से जुड़ा मामला सोनप्रयाग पुलिस स्टेशन में दर्द किया गया है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इसी ट्वीट थ्रेड में मामले में शामिल 5 आरोपियों के नाम भी बताए हैं. इनके नाम हैं..
अंकित सिंह
संतोष कुमार
रोहित कुमार
गौतम
इसके अलावा, एक नाबालिग भी है.
पुलिस के ट्विटर अकाउंट से रुद्रप्रयाग एसपी विशाखा भदाणे का वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें वो मामले से जुड़ी स्टेटमेंट देती नजर आ रही हैं.
एसपी ने कहा कि आरोपी घोड़ा संचालकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.
फेसबुक पोस्ट के जरिए पुलिस ने ये जानकारी दी कि दिल्ली के महिपालपुर के रहने वाले एक शख्स ने घटना के दो दिन बाद 12 जून को सोनप्रयाग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
पोस्ट में ये भी बताया गया कि भीमबली पुल के पास एक घोड़े को मार रहे लोगों को मना करने पर, घोड़ा संचालकों ने उनके साथ मारपीट और बदतमीजी की.
पुलिस ने किया सांप्रदायिक एंगल से इनकार: क्विंट से बातचीत में रुद्रप्रयाग के सीओ प्रबोध घिलडियाल ने घटना में किसी भी तरह की सांप्रदायिकता से इनकार कर दिया.
उन्होंने ये भी कहा कि लोगों को ऐसे झूठे सांप्रदायिक दावे नहीं करने चाहिए.
निष्कर्ष: साफ है कि केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों पर हमला करने वाले घोड़ा-खच्चर संचालक भी हिंदू समुदाय से थे. मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
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