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सोशल मीडिया पर मंदिर के सामने निकलते एक जुलूस का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि जुलूस में भड़काऊ गाना बज रहा है और कई लोग बंदूक लहराते हुए डांस कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खरगोन (Khargone) में 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस (Ram Navami) के बाद हुई हिंसा से जोड़कर हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये वीडियो तो खरगोन का है, लेकिन हाल का नहीं साल 2018 में निकले मुहर्रम जुलूस का है. सोशल मीडिया पर इसे रामनवमी हिंसा से जोड़कर गलत नैरेटिव के साथ शेयर किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर वीडियो को इस नैरेटिव के साथ शेयर किया जा रहा है जैसे ये वीडियो रामनवमी हिंसा के आसपास का ही है.
स्वराज्य मैगजीन की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने भी ये वीडियो 12 अप्रैल को दोपहर 3:19 बजे ट्वीट किया. उनके ट्वीट का हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा. ये खरगोन है, जहां मस्जिद में रामनवमी जुलूस निकालने पर पत्थतर बरसाए गए. और मंदिर के सामने ये सब हो रहा है. हाथ में पिस्टल लिए उस शख्स को नोटिस कीजिए.
हालांकि, स्वाति ने बाद में अपने ही ट्वीट के जवाब में एक दूसरा ट्वीट कर लिखा है कि वीडियो 2018 का है.
कई अन्य यूजर्स ने वीडियो को हाल का बताकर शेयर किया.
खरगोन में निकले मुस्लिम समुदाय के जुलूस से जुड़े कीवर्ड सर्च करने से हमें YT Aamir Khan MP10 नाम के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला. यहां ये वीडियो 25 सितंबर, 2018 को अपलोड किया गया था. जाहिर है वीडियो का खरगोन में हाल में हुई रामनवमी हिंसा की घटना से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो में जुलूस के पीछ लगे बैनर से साफ हो रहा है कि ये खरगोन का ही है.
हमने खरगोन के फ्रीलांस जर्नलिस्ट तरुण सोनी से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को बताया कि वायरल वीडियो 4 साल पुराना यानी साल 2018 का है. वीडियो में जुलूस खरगोन के गणेश चौक पर श्री चिंतामणी गणेश मंदिर से गुजरता दिख रहा है. ये वीडियो मुहर्रम के जुलूस का है.
हमने खरगोन कोतवाली पुलिस से भी इस वीडियो को लेकर संपर्क किया है. उनका जवाब आते ही स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
मध्य प्रदेश के खरगोन में स्थिति उस समय उग्र हो गयी जब राम नवमी पर निकाले जा रहे जुलूस पर पथराव की घटना हुई. जुलूस के तालाब चौक पहुंचने पर जुलूस में बज रहे डीजे को लेकर एक समुदाय विशेष के लोगों ने आपत्ति की. इसके बाद मामला आगे बढ़ा और पथराव शुरू हो गया.
घटना के बाद स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गयी कि प्रशासन को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. प्रशासन ने तालाब चौक सहित तनावग्रस्त इलाकों मे कर्फ्यू लगाया है. खरगोन के एसपी सिद्धार्थ चौधरी भी जख्मी हुए हैं.
आगजनी और पत्थरबाजी के बाद जिले में जगह-जगह कार्रवाई होती देखी गई है. सोमवार, 11 अप्रैल कई जगहों पर को कुछ दुकानों और मकानों पर बुल्डोजर चला दिया गया था.
साफ है खरगोन में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा मुहर्रम के जुलूस का वीडियो असल में 4 साल पुराना है.
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