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सोशल मीडिया पर दो फोटो का एक सेट शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि ये दो शहरों की कहानी है, एक अहमदाबाद और दूसरा मुंबई. एक शहर बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के अंतर्गत आता है और दूसरा शहर शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के अंदर आता है. एक तरफ साबरमती रिवरफ्रंट की फोटो साफ और अच्छी है, तो वही दूसरी ओर मुंबई शहर में मीठी नदी कचरे से भरी हुई है.
हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने पाया कि साबरमती रिवरफ्रंट की फोटो 2013 की वास्तविक फोटो है. लेकिन, दूसरी फोटो जिसे मीठी नदी की फोटो बताया जा रहा है, वो वास्तव में 2008 की फिलीपींस के मनीला की फोटो है.
बीजेपी की प्रीति गांधी के साथ-साथ कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इन फोटो को शेयर किया है.
गांधी ने दावा किया है कि जहां गुजरात ने साबरमती रिवरफ्रंट पर 1,400 करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने मुंबई में मीठी नदी पर 1,000 करोड़ से ज्यादा खर्च किए.
साबरमती रिवरफ्रंट की फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें 18 नवंबर 2013 को पब्लिश The Economic Times की एक फोटो स्टोरी मिली. जिसमें ओरिजिनल फोटो का इस्तेमाल किया गया था.
इसके बाद, हमने उस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया जिसे मुंबई की मीठी नदी का बताया जा रहा है.
हमें स्टॉक फोटो के प्लैटफॉर्म Shutterstock पर ये फोटो मिली. ये फोटो फिलीपींस के मनीला की है. इसे एंटोनियो वी ओक्विस ने साल 2008 में लिया था.
फोटो के कैप्शन में लिखा है, ''6 जनवरी, 2008 को मनीला, फिलीपींस में कचरे की एक नदी पानी के प्रवाह को रोकती है. फिलीपींस में गरीबी और कचरा निपटान प्रमुख मुद्दे हैं.''
हमें ये फोटो स्टॉक फोटोग्राफी कंपनी Alamy में भी मिली.
हमें BBC का एक आर्टिकल मिला जिसमें भी इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इसका शीर्षक है "A simple online system that could end plastic pollution" यानी एक सरल ऑनलाइन सिस्टम जो प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म कर सकती है. आर्टिकल में इस फोटो के लिए Getty Images को क्रेडिट दिया गया है.
मतलब साफ है कि मनीला की पुरानी फोटो मुंबई की मीठी नदी बताकर गलत दावे से शेयर की जा रही है.
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