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वेबकूफ: सर गंगाराम हॉस्पिटल का वायरल कोरोना प्रिसक्रिप्शन फर्जी

फर्जी प्रिसक्रिप्शन में कुछ दवाओं को लेने की सलाह दी जा रही है, साथ में होम आइसोलेशन को कहा जा रहा है.

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सर गंगाराम हॉस्पिटल ने उनके डॉक्टर के लेटरपैड पर चल रहे प्रिसक्रिप्शन को बताया फर्जी
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सर गंगाराम हॉस्पिटल ने उनके डॉक्टर के लेटरपैड पर चल रहे प्रिसक्रिप्शन को बताया फर्जी
फोटो: द क्विंट

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वीडियो एडिटर- दीप्ति रामदास

सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर राज कमल अग्रवाल के नाम पर एक फर्जी प्रिसक्रिप्शन सोशल मीडिया पर चल रहा है. इसमें डॉक्टर के हवाले से कोविड-19 के मरीजों को Hydroxychloroquine, क्रोसिन और सेट्रिजिन लेने की सलाह देते हुए घर में आइसोलेशन की बात कही जा रही है.

लेकिन हॉस्पिटल ने साफ किया है कि डॉक्टर के फर्जी सिग्नेचर बनाए गए हैं और जो प्रिसक्रिप्शन वायरल हो रहा है, वो फर्जी है.

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क्या है दावा

प्रिसक्रिप्शन में लोगों को हफ्ते में एक बार Hydroxychloroquine लेने की सलाह दी जा रही है, यह एक विवादास्पद एंटी-मलेरियल ड्रग है, जिसे कोविड-19 के इलाज में उपयोग किया जाता है. प्रिसक्रिप्शन में आगे कहा गया संक्रमित मरीजों को विटामिन सी टेबलेट, जिंक टेबलेट, सेट्रिजन और दूसरी दवाईयां लेनी चाहिए.

इस प्रिसक्रिप्शन को सोशल मीडिया पर भी बहुत शेयर किया जा रहा है.

सर गंगाराम हॉस्पिटल ने प्रिसक्रिप्शन को बताया फर्जी

सर गंगाराम हॉस्पिटल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडिल से प्रिसक्रिप्शन की तस्वीर शेयर की है और उसे फर्जी बताया है.

हॉस्पिटल के डॉयरेक्टर ने भी प्रिसक्रिप्शन पर स्पष्टीकरण जारी किया है. उन्होंने कहा कि किसी ने डॉ अग्रवाल के प्रिसक्रिप्शन पैड का गलत इस्तेमाल किया है. स्पष्टीकरण में आगे कहा गया कि प्रिसक्रिप्शन में जो दवाईयां लिखी गई हैं, उनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही किया जाना चाहिए.

स्पष्टीकरण के मुताबिक, ''जनहित में यह बात तुरंत साफ की जाती है कि संबंधित दवाईयां कोरोना के मरीजों को तभी दी जानी चाहिए, जब इन्हें डॉक्टर रिकमेंड करें. क्योंकि यह दवाईयां कुछ मरीजों में किडनी, आंखों और हार्ट के गंभीर साइड इफेक्ट पैदा कर सकती हैं.''

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Published: 13 Jun 2020,11:51 AM IST

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