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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जून, 2021 को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि सरकार देशभर में वैक्सीनेशन (टीकाकरण) का कवरेज 90% तक पहुंचाने में कामयाब रही है.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा,
2014 में भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60% के आसपास था. हमारी दृष्टि में ये बहुत चिंता की बात थी. इस रफ्तार से देश को शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने में 40 साल लग जाते. सिर्फ 5-6 साल में ही वैक्सीनेशन कवरेज 60% से बढ़कर 90% से ज्यादा हो गई.
पीएम मोदी के दावे में देश में वैक्सीनेशन की असली तस्वीर नहीं दिख रही है. असल में पिछले चार सालों से भारत वैक्सीनेशन के 90% के आंकड़े को छूने में असफल रहा है. इसके अलावा NFHS-5 की साल 2019-20 की रिपोर्ट में केवल 22 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़े हैं. इनमें से भी केवल 17 ही राज्य ऐसे हैं, जो 70% से ज्यादा वैक्सीनेशन कवरेज करने में सफल रहे हैं.
12 दिसंबर, 2020 को ‘नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे’ की रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था NFHS-4 और NFHS-5 की रिपोर्ट्स की तुलना करें तो कई राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन में बढ़ोतरी देखी गई है. 22 में से 11 राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में 10% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. वहीं बाकी के 4 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में ये बढ़ोतरी 5 से 9% के बीच है. इसका श्रेय 2015 में शुरू हुए इंद्रधनुष मिशन को जाना चाहिए.
नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर टी सुंदरम कहते हैं,
19 मार्च, 2021 को लोकसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब के मुताबिक, मिशन इंद्रधनुष के तहत कई चरणों में देश भर के 3.8 करोड़ बच्चों का वैक्सीनेशन हुआ.
यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) की शुरुआत साल 1978 में हुई. इस प्रोग्राम का वर्तमान लक्ष्य 2.67 करोड़ शिशुओं, 2.9 करोड़ माताओं का सालाना वैक्सीनेशन करना है. UIP के तहत सरकार 12 बीमारियों की वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराती है. ये बीमारियां हैं - डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टिटनेस, मीजल्स, रुबेला, टीबी, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिसबी और निमोनिया.
FactChecker ने प्रधानमंत्री कार्यालय को स्पष्टीकरण के लिए इमेल किया है जवाब आते ही इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) की 2019-20 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, देश में वैक्सीनेशन की स्थिति का आकलन तीन तरीकों से किया जाता है.
इन तीनों में NFHS डेटा सबसे विश्वसनीय सोर्स है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेस (IIPS) के डायरेक्टर केएस जेम्स के मुताबिक, NFHS का डेटा विश्वसनीय है, क्योंकि HMIS जैसे सोर्स सिर्फ 9-11 महीने के आयु वर्ग वाले बच्चों के वैक्सीनेशन का डेटा दिखाते हैं.
वैक्सीनेशन की अलग स्थिति दिखाता डेटा GAVI द्वारा जारी की गई साल 2015 की रिपोर्ट में भी देखा जा सकता है. स्ट्रेटिजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स की मीटिंग में अक्टूबर 2015 में ये रिपोर्ट पेश की गई थी. GAVI में शामिल देशों में हो रहे वैक्सीनेशन का कवरेज इस रिपोर्ट में दिया गया था. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत उन 15 देशों में शामिल है, जहां वैक्सीनेशन का कवरेज 2014 में 80 से 89% तक पहुंच गया.
NFHS-1 के मुताबिक भारत में नेशनल इम्युनाइजेशन (देशभर में हुए टीकाकरण) का कवरेज 1992 से 1993 के बीच 36% रहा. वहीं NFHS-2 के मुताबिक, 1998 से 1999 के बीच 42% और NFHS-3 के मुताबिक 2005 से 2006 के बीच 43.5% वैक्सीनेशन रहा. NFHS -4 के मुताबिक 2015-16 में वैक्सीनेशन 62 % रहा.
NHFS-5 2019-20 रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ दो केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली, दमन और दीव में वैक्सीनेशन 94.9% कवरेज रहा.
HMIS डेटा में वैक्सीन का कवरेज 100% दिखाया गया है, जबकि NFHS के मुताबिक 81,7% वैक्सीनेशन रहा.
यहां तक कि महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ में तो वैक्सीनेशन कवरेज HMIS के मुताबिक 100% के पार पहुंच गया है. डेटा के सोर्स के पीछे का कारण बताते हुए टी सुंदारमणन कहते हैं,
जनवरी, 2019 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय MoHFW ने वैक्सीनेशन को लेकर जारी किए रोडमैप में इस बात पर जोर दिया था कि वैक्सीनेशन (टीकाकरण) को लेकर लोगों की झिझक टारगेट पूरा न होने की बड़ी वजह है. नई रणनीतियों के बाद लोगों के बीच से ये झिझक कम हो रही है.
टी सुंदरम के मुताबिक, "वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा न होने के पीछे स्वास्थ्य को लेकर कम जागरुकता और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी एक बड़ी वजह है’’
कोरोना महामारी भी इन चुनौतियों के बाद एक नई चुनौती है. कोरोना के चलते महामारी से पहले अन्य बीमारियों की वैक्सीन के लिए चल रहा वैक्सीनेशन प्रोग्राम काफी प्रभावित हुआ है. 19 फरवरी, 2021 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार ने फिर वैक्सीनेशन का कवरेज 90% तक बढ़ाने का संकल्प लिया है.
हर्षवर्धन ने आगे ये भी कहा कि कोरोना काल में जो लोग वैक्सीन लेने से चूक गए, अब उनका वैक्सीनेशन किया जाएगा.
(ये स्टोरी पहले FACTCHECKER द्वारा पब्लिश की जा चुकी है, अनुमति के बाद इसे पब्लिश किया गया है)
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