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हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि दोनों ही वीडियो 28 जुलाई को हुई प्रेम प्रसंग से जुड़ी एक ही घटना के हैं. ये घटना यूपी के शामली जिले के कैराना के एक गांव की है.
कैराना के एसएचओ प्रेमवीर राणा और एक स्थानीय रिपोर्टर ने हमें बताया कि घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है. पिटने वाले लोग और पिटाई करने वाले, दोनों एक ही समुदाय के हैं.
जिस वीडियो में महिलाओं की पीटा जा रहा है, उसे शेयर कर कैप्शन में लिखा जा रहा है: "2 मुस्लिम लड़की हिंदू लड़कों के साथ देखी जाने के बाद क्या हाल करा गांव वालो और उसके बाप ने क्या करा सब लोग देखो ज्यादा हो सके जिससे ग्रुप में डालो सबको पता चले"
(नोट: हिंसा से जुड़े या आपत्तिजनक विजुअल आपको परेशान कर सकते हैं)
दूसरा वीडियो जिसमें दो लोगों की पिटते देखा जा सकता है, उसे भी ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया गया है. साथ में, घटना की जगह के बारे में बताया गया है कि ये वीडियो दिल्ली के शाहीन बाग इलाके का है. फेसबुक और ट्विटर पर किए गए इन पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते है.
क्विंट की WhatsApp टिपलाइन पर भी इस दावे से जुड़ी कई क्वेरी आई हैं.
हमने ट्विटर पर 'पिटाई वायरल वीडियो' कीवर्ड इस्तेमाल कर सर्च करके देखा. हमें 5 अगस्त को शेयर किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था. और बताया गया था कि ये घटना शामली जिले के कैराना के तितरवाड़ा गांव की है.
हमें Dainik Jagran का एक आर्टिकल मिला, जिसके मुताबिक दो वीडियो वायरल हुए थे. एक में दो पुरुषों और दूसरे में एक महिला की पिटाई करते हुए लोगों को देखा जा सकता है.
वायरल हो रहे वीडियो में से एक का संज्ञान लेते हुए, शामली पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो बाइट शेयर की गई थी. इस वीडियो में एक अधिकारी को घटना से जुड़ी जानकारी बताते हुए सुना जा सकता है.
(नोट: वीडियो की हिंसक प्रकृति की वजह से हमने वीडियो के डायरेक्ट लिंक नहीं इस्तेमाल किए हैं. पुलिस की बाइट लिंक पर क्लिक करके सुनी जा सकती है.)
अधिकारी ने बताया, ''एहसान नाम के एक शख्स की इलाके में शादी हुई थी. उसकी पत्नी के साथ पहले रिलेशन में रहा एक शख्स अपने दोस्त के साथ महिला के ससुराल आया था. जिसके बाद महिला के ससुराल वालों और परिवार वालों ने उन दोनों शख्स और महिला को पीटना शुरू कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है.''
क्विंट की वेबकूफ टीम को कैराना एसएचओ प्रेमवीर राणा ने बताया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा है. उन्होंने कहा कि पीटने वाले और पिटने वाले दोनों ही पक्ष एक समुदाय के ही थे.
स्थानीय पत्रकार पंकज मलिक ने भी ऊपर बताई गई जानकारी की पुष्टि की और 28 जुलाई को हुई इस घटना में किसी भी तरह के सांप्रदायिक ऐंगल से इनकार किया है.
हमें एफआईआर की एक कॉपी भी मिली, जिसमें आरोपियों की पहचान अमजद, आजम, मुबारिक, अशरफ, शहाबो, इनसाद के अलावा, और 5 से 7 अज्ञात लोगों के रूप में हुई है.
मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर यूपी के कैराना में हुई मारपीट की एक घटना का वीडियो झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है. इसे दिल्ली के शाहीन बाग इलाके का बता घटना को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है.
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