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UP के बलिया में मां-बेटी की मौत को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

सोशल मीडिया पर किया गया ये दावा

क्विंट हिंदी
वेबकूफ
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सोशल मीडिया पर किया गया ये दावा
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सोशल मीडिया पर किया गया ये दावा
(फोटो: क्विंट हिंदी) 

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वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान

हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक कार एक्सीडेंट के विजुल्स थे. वीडियो के साथ दावा किया गया था कि ये कोई ‘आम एक्सीडेंट’ नहीं, बल्कि इस एक्सीडेंट में एक मुस्लिम महिला और इसकी बेटी को जानबूझकर टारगेट किया गया. दावे में कहा गया कि ये घटना उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसरा इलाके की है. ये भी आरोप लगाया गया कि गाड़ी चढ़ जाने से मां और बेटी की मौके पर ही मौत हो गई. मां और बेटी सड़क किनारे चल रहे थे, जब ये हादसा हुआ.

(फोटो: स्क्रीनशॉट)

आर्टिकल पब्लिश किए जाने तक NewsIdol नाम के एक फेसबुक अकाउंट से अपलोड वीडियो के एक वर्जन पर 1,80,000 व्यूज आ चुके थे.

(फोटो: स्क्रीनशॉट)

हालांकि, जब हमने वायरल पोस्ट में किए गए दावों को वेरिफाई करने की कोशिश की, तो हमने पाया कि वो गलत थे.

पहला, हमें बलिया पुलिस का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने FIR को शेयर किया है. इसमें मृतकों की पहचान 27 वर्षीय मां उषा देवी और 12 साल की बेटी पुष्पांजलि के रूप में हुई है.

इसके बाद हमने रसरा के एसएचओ सौरभ कुमार राय से संपर्क किया, जिन्होंने इसमें किसी भी सांप्रदायिक एंगल को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मरने वाली महिला हिंदू थी, न कि मुस्लिम.

“महिला जिसकी हत्या की गई थी वो हिंदू थी और उसका नाम उषा देवी था. इस घटना का कोई कम्यूनल एंगल नहीं है. हमने कार की पहचान कर ली है और उस पर दिल्ली का नंबर है. हम अभी आरोपी को ढूंढ रहे हैं और हमारी जांच अभी जारी है.”
पुलिस ने कहा

हमने ऊषा देवी के पति शेषनाथ से भी बात की, जिन्होंने ये एफआईआर दर्ज की थी. उन्होनें हमें बताया कि उनके परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं थी. और उन्होंने ये भी बताया कि ये घटना सांप्रदायिक नहीं है, बल्कि ये एक हादसा है.

पुलिस और फिर पीड़ित के परिवार से डबल कंफर्म करने और साथ में एफआईआर की डिटेल देखने से साफ हो जाता है कि ये बलिया में हुआ एक एक्सिडेंट है, इसका सांप्रदायिकता से कोई लेने देना नहीं है.

इस घटना को तोड़-मरोड़ कर पेश करके सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई.

आप हमारी सभी फैक्ट-चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं.

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