Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019स्वीडन हिंसा के बाद मुस्लिमों ने चर्च की रक्षा की? पुरानी है फोटो

स्वीडन हिंसा के बाद मुस्लिमों ने चर्च की रक्षा की? पुरानी है फोटो

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस फोटो को शेयर कर दावा किया कि ये स्वीडन में हुई हिंसा के बाद की है.

क्विंट हिंदी
वेबकूफ
Published:
(फोटो: Altered by Quint)
i
null
(फोटो: Altered by Quint)

advertisement

स्वीडन के माल्मो सिटी में हिंसा के बाद, सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो गई है जिसमें कुछ महिलाएं चर्च के बाहर ह्यूमन चेन बनाकर खड़ी हैं. फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि हिंसा के बाद महिलाओं को चर्च की रक्षा करते हुए देखा जा सकता है.

इस घटना को ‘बैंगलोर मॉडल’ का रूप कहा जा रहा है, जब बेंगलुरु में हिंसा के बाद, मुस्लिम पुरुषों का मंदिरों की सुरक्षा के लिए बाहर ह्यूमन चेन बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.

हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो असल में 2015 का है, जब मुस्लिम और ज्यूइश युवाओं ने डेनमार्क में यहूदी विरोधी हमलों के खिलाफ एकजुटता में ओस्लो में एक Synagogue (यहूदियों का प्रार्थना स्थल) के बाहर ह्यूमन चेन बनाई थी.

(फोटो: ट्विटर)

दावा

सोशल मीडिया यूजर्स ने अब्दुल हमीद नाम के एक यूजर का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि मुस्लिमों को स्वीडन में चर्च और Synagogue की रक्षा करते हुए देखा जा सकता है.

यूजर्स ने इस फोटो को ‘बैंगलोर मॉडल’ और ‘ड्रामा’ बताते हुए इसका मजाक उड़ाया.

(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)

हमें जांच में क्या मिला?

ये फोटो असल में ओस्लो में 2015 में हुए मुस्लिम-ज्यूइश प्रदर्शन से है.

एक रिवर्स इमेज सर्च से हमें इजरायल और पेलेस्टाइन की एक इंडिपेंडेंट वेबसाइट, 972Mag का एक आर्टिकल मिला, जिसमें इस फोटो का इस्तेमाल हुआ था. इस फोटो का क्रेडिट Activestills को दिया गया है, जो कि डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर्स का एक ग्रुप है.

(स्क्रीनशॉट)

Activestills पर कीवर्ड सर्च करने पर, हमें ओरिजनल फोटो मिले, जिसे फोटोग्राफर Ryan Rodrick Beiler ने खींचा था.

फोटो की कैप्शन में लिखा है कि युवा मुस्लिम महिलाओं ने 21 फरवरी 2015 को "रिंग ऑफ पीस" विजिल के दौरान ओस्लो Synagogue के सामने एक ह्यूमन चेन बनाई. डेनमार्क और यूरोप के दूसरे इलाकों में यहूदी-विरोधी हमलों के खिलाफ यहूदी समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने के लिए ये विजिल रखी गई थी.

(स्क्रीनशॉट)

हमें इस घटना को लेकर कई न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं.

ब्रिटिश पब्लिक ब्रॉडकास्टर, BBC ने रिपोर्ट किया कि Synagogue के बार 'द रिंग ऑफ पीस' में करीब 1,000 लोगों ने ह्यूमन चेन बनाई.

BBC की रिपोर्ट में लिखा है, ‘सह-आयोजक जीशान अब्दुल्ला ने synangogue के बाहर भीड़ के सामने कहा, “हम प्रदर्शित करना चाहते हैं कि यहूदी और मुसलमान एक-दूसरे से नफरत नहीं करते हैं.”’

अमेरिकी टीवी और रेडियो सर्विस, CBS ने भी रिपोर्ट किया कि ये एकजुटता का प्रदर्शन था जिसमें नॉर्वे के प्रमुख रब्बी माइकल मेलचेयर की परफॉर्मेंस भी शामिल थी.

इससे साफ होता है कि 2015 की फोटो को हाल ही में स्वीडन में हुई हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT