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सोशल मीडिया के साथ कई न्यूज रिपोर्ट्स में मैसूर में अपूर्वा मर्डर केस में आरोपी का नाम 'आशिक' बताकर मामले को लव जिहाद (Love Jihad) एंगल दिया गया. हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की तो सामने आया कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
असल में आरोपी का नाम आशीष है. हमने अपूर्वा के परिवार से भी संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि आरोपी हिंदू समुदाय का है और वो कुछ महीने पहले ही उससे अपूर्वा के दोस्त के रूप में मिले थे. परिवार ने बताया कि उन्हें इस घटना के बारे में कुछ भी नहीं पता था.
देवराजा थाने में इस मामले की FIR दर्ज हुई है. FIR देखने पर पुष्टि हुई कि आरोपी का नाम आशीष ही है. मैसूर के डीसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रदीप गुंटी ने भी क्विंट को बताया कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स और न्यूज रिपोर्ट्स में एक युवती और एक युवक की फोटो है. और दावा किया जा रहा है कि अपूर्वा नाम की युवती का आशिक नाम के शख्स ने कत्ल कर दिया. दावे को लव जिहाद एंगल से शेयर किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर फोटो इसी दावे के साथ वायरल है. अर्काइव यहां और यहां देखे जा सकते हैं. इसके अलावा Asianet Kannada, Hindu Post और Mysore News की न्यूज रिपोर्ट्स में आरोपी का नाम आशिक ही बताया गया है.
जिन रिपोर्ट्स में अपूर्वा मर्डर केस के आरोपी का नाम आशिक बताया गया था, वहां जिक्र था कि मैसूर के देवराजा पुलिस थाने में ये मामला दर्ज किया गया है. हमने सबसे पहले इस मामले को लेकर दर्ज FIR देखी.
FIR देखने पर पता चला कि मामला 1 सितंबर को दर्ज हुआ है. यहां युवती का नाम अपूर्वा और आरोपी का नाम आशीष बताया गया है न कि आशिक.
इसके बाद हमने अपूर्वा के पिता रवीश शेट्टी से भी संपर्क किया. जिन्होंने हमें बताया कि अपूर्वा की हत्या का आरोपी आशीष ही है.
इसके बाद मामले से जोड़कर जो तस्वीरें शेयर हो रही हैं वो सही हैं या नहीं. इसकी पुष्टि के लिए हमने मैसूर DCP प्रदीप गुंटी से संपर्क किया.
मतलब साफ है, सोशल मीडिया और अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में मैसूर में हुए अपूर्वा मर्डर केस से जुड़ी जानकारी को लव जिहाद के गलत एंगल के साथ शेयर किया जा रहा है.
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