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सोशल मीडिया पर एक और वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में एक हिंदू नाबालिग लड़की एक मुस्लिम (Muslim) लड़के के साथ भागने की कोशिश करती नजर आ रही है. इसे 'लव जिहाद' (Love Jihad) के एंगल से शेयर किया जा रहा है.
'लव जिहाद' राइट विंग की ओर से अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला ऐसा शब्द है, जिसके मुताबिक मुस्लिमों का एक कथित अभियान है जिसमें प्यार की आड़ में हिंदू लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
हालांकि, वेबकूफ टीम की पड़ताल में वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला, जिसके मुताबिक ये वीडियो स्क्रिप्टेड है और सिर्फ ''जागरूकता'' के लिए बनाया गया है.
सोशल मीडिया पर 5:13 मिनट का वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा जा रहा है, "लव जेहाद में नाबालिक हिन्दू लड़कियों को कैसे अकबर बाबर के हरम की ये नाजायज औलादे फँसाते है. ये वीडियो देखो और सबको भेजो."
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा.
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला. वायरल वीडियो 5 मिनट 13 सेकंड का है, जबकि 'Viral Vlog Tube'नाम के यूट्यूब चैनल पर 4 दिसंबर को अपलोड किया गया ये वीडियो 5 मिनट 38 सेकंड का है.
वीडियो का टाइटल है, "स्कूल के नाम पे लड़किया कहा चली जाती हैं निवेदन है मां बाप ध्यान रखे"
वीडियो के 5 मिनट 35वें सेकंड वाले फ्रेम पर, एक इंग्लिश में लिख डिसक्लेमर नजर आता है जिसका अनुवाद इस प्रकार है, ''ये वीडियो काल्पनिक है और जारूकता के उद्देश्य से बनाया गया है. सभी पात्र काल्पनिक हैं. अगर इस वीडियो की वजह से किसी को भी नुकसान होता है, तो वो मात्र एक संयोग होगा.''
क्विंट की वेबकूफ टीम ने ऐसे कई स्क्रिप्टेड वीडियो की पड़ताल की है, जिन्हें सिर्फ मनोरंजन या प्रमोशन के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन उन्हें भ्रामक दावों और झूठे सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया गया है.
एक वायरल वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया था कि वीडियो में दिख रहे मुस्लिम पुरुष लड़कियों को केक खिलाकर बेहोशी की हालत में आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड करेंगे और उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए मजबूर करेंगे. क्विंट ने इस वीडियो की पड़ताल कर सच का पता लगाया था कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड था और जागरूकत के लिए बनाया गया था.
क्विंट की वेबकूफ ने एक और ऐसे ही स्क्रिप्टेड वीडियो की पड़ताल की था, जिसे झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा था. "शैक्षिक उद्देश्यों" के लिए बनाया गया ये वीडियो लूट की घटना को दिखाता था, जिसे शेयर कर ये झूठा दावा किया गया था कि वीडियो में दिखने वाले लुटेरे मुस्लिम थे.
मतलब साफ है, "जागरूकता" के मकसद से बनाया गया एक और वीडियो सोशल मीडिया पर 'लव जिहाद' एंगल से शेयर किया जा रहा है.
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