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सोशल मीडिया पर भगवान शिव की सवारी नंदी की मूर्ति की एक फोटो इस दावे से शेयर की जा रही है कि ये मूर्ति एक मस्जिद की खुदाई में मिली है.
हालांकि, हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला क्योंकि ये मूर्ति मस्जिद की खुदाई के दौरान नहीं, बल्कि तमिलनाडु के नमक्कल जिले के सेलैंडियाम्मन मंदिर में हो रहे पुनर्निर्माण कार्य के दौरान मिली थी.
फोटो के साथ शेयर हो रहे दावे में लिखा जा रहा है: "हर मजार मस्जिद की यही सच्चाई है
'Rajiv Tuli नाम के एक यूजर ने इस फोटो को ट्वीट किया था, जिसे आर्टिकल लिखते समय तक 10,000 लाइक मिल चुके हैं और 2,800 से ज्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है.
हमने इस फोटो का सच पता लगाने के लिए, जरूरी कीवर्ड इस्तेमाल कर सर्च किया. इसके अलावा, फोटो को रिवर्स इमेज सर्च भी करके देखा. हमें 4 सितंबर को शेयर किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें इसी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस ट्वीट के मुताबिक, ये फोटो तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एक मंदिर की है.
इसके बाद, हमने गूगल पर 'Namakkal Nandi temple' कीवर्ड्स की मदद से सर्च करके देखा. हमें न्यूज आउटलेट Puthiyathalaimurai में 5 सितंबर को पब्लिश एक आर्टिकल मिला.
रिपोर्ट के मुताबिक, सेलैंडियाम्मन मंदिर में पुनर्निर्माण कार्य के दौरान नंदी की मूर्ति मिली थी. आर्टिकल में बताया गया है, ''मंदिर के बाहर वाली दीवार बनाने के लिए खुदाई करते समय नंदी की एक प्राचीन मूर्ति जमीन में दबी हुई मिली थी.''
रेवेन्यू ऑफिसर्स ने पुरातत्वविदों को ये जांचने के निर्देश दिए हैं कि मूर्ति कितनी पुरानी है.
Dinamalar नाम के एक और मीडिया आउटलेट पर भी पब्लिश एक रिपोर्ट में, ऊपर बताई गई जानकारी की पुष्टि की गई थी.
मतलब साफ है कि मंदिर में खुदाई के दौरान निकली नंदी की मूर्ति की फोटो इस झूठे दावे से शेयर की जा रही है कि ये मूर्ति एक मस्जिद में खुदाई के दौरान मिली थी.
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