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(वीडियो देखने से पहले आपसे एक अपील है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए हम एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर संसाधनों का इस्तेमाल होता है. हम ये काम जारी रख सकें इसके लिए जरूरी है कि आप इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करें. आपके सपोर्ट से ही हम वो जानकारी आप तक पहुंचा पाएंगे जो बेहद जरूरी हैं.
धन्यवाद - टीम वेबकूफ)
आपने खबरों और सोशल मीडिया पर इन दिनों NeoCoV वायरस के बारे में जरूर सुना या पढ़ा होगा. साथ ही ये भी सुना होगा कि ये वायरस न सिर्फ तेजी से फैलता है बल्कि इससे संक्रमित होने वाले तीन में से एक शख्स की मौत हो जाती है. हालांकि, इनमें से कोई भी दावा सच नहीं है. संक्रमण से मौत तो बहुत दूर की बात है, अब तक नियोकोव से कोई इंसान संक्रमित पाया ही नहीं गया है.
नियोकोव एक तरह का कोरोनावायरस ही है, जो चमगादड़ों में पाया जाता है. 2014 में इस वायरस पर स्टडी भी हो चुका है. स्टडी में सामने आया था कि ये चमगादड़ की एक प्रजाति Neoromicia में पाया जाता है. चमगादड़ की इस प्रजाति के नाम पर ही वायरस का नाम पड़ा.
नियोकोव कोविड-19 का वैरिएंट नहीं है. ये सच है कि नियोकोव भी एक तरह का कोरोनावायरस ही है पर ये उस SARS CoV2 का नया वैरिएंट नहीं है, जिससे संक्रमित होने वाले व्यक्ति को हम Covid19 संक्रमित कहते हैं. जैसा कि हमने पहले बताया कि इस वायरस की चर्चा 2013 से ही है, वैज्ञानिक लंबे समय से इसपर शोध कर रहे हैं, इसलिए ये दावा भी गलत है कि ये कोई नया वायरस है.
दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी को लेकर चिंता में है. ऐसे में ये सवाल उठ सकता है कि क्या NeoCov को लेकर भी चिंता करने की जरूरत है? दरअसल, एक चीनी स्टडी में सामने आया है कि नियोकोव में अगर किसी कारणवश म्यूटेशन होता है तो ये इंसान को संक्रमित कर सकता है. लेकिन, गौर करने वाली बात ये है कि स्टडी अभी अपने शुरुआती स्तर पर है. वैज्ञानिकों का मानना है कि स्टडी में किए गए दावों पर अभी काफी शोध होना बाकी है. शोध के बाद ही सटीक नतीजे सामने आ पाएंगे.
फिलहाल NeoCov से हमें कोई खतरा नहीं है, लेकिन कोविड 19 का खतरा अभी टला नहीं है. इसलिए, मास्क पहनते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें और वैक्सीन जरूर लगवाएं.
एंकर और कैमरा : अभिलाष मलिक
स्क्रिप्ट : स्निग्धा नलिनी ओरिया
कॉपी एडिटर : सर्वजीत सिंह चौहान
वीडियो एडिटर : पूर्णेन्दु प्रीतम
(ये वीडियो क्विंट के COVID-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम राज्यों के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है. हम इस काम को जारी रख सकें, इसके लिए हमें आपका सपोर्ट चाहिए. हमारे इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करने के लिए आप नीचे description box में दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं)
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