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नोवेल कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सबसे पहले 11 मार्च को महामारी घोषित किया था. तभी से इसे लेकर इंटरनेट पर फेक खबरों और थ्योरी की भरमार है.
ऐसे ही एक मामले में, सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि 16वीं सदी के फ्रेंच एस्ट्रोलॉजर नास्त्रेदमस ने वायरस की भविष्यवाणी अपनी किताब 'Les Propheties' में की थी. हालांकि, वेरिफिकेशन के बाद, हमें इन दावों में कोई सच्चाई नहीं मिली.
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे के मुताबिक, फ्रेंच फिलॉसफर नास्त्रेदमस ने अपनी किताब 'Les Propheties' में लिखा है: "There will be a twin year (2020) from which will arise a queen (corona) who will come from the east (China) and will spread a plague (virus)in the darkness of night, on a country with 7 hills (Italy) and will transform the twilight of men into dust (death), to destroy, and ruin the world." यानी "एक ट्विन ईयर होगा (2020) जिसमें एक रानी (कोरोना) पूरब (चीन) से आएगी और 7 पहाड़ी वाले देश (इटली) पर रात के अंधेरे में प्लेग (वायरस) को फैलाएगी और लोगों को धूल (मौत) में बदल देगी, उन्हें बर्बाद करने के साथ ये दुनिया बर्बाद कर देगी."
'Les Propheties' फ्रेंच फिजिशियन नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों का एक कलेक्शन है. उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक, ये कविताओं और क्वॉट्रेन्स का संग्रह है.
क्वॉट्रेन एक तरह का स्टैन्जा/एक कविता होती है चार लाइनों की. वायरस मैसेज में नास्त्रेदमस के हवाले से कहा गया टेक्स्ट क्वॉरट्रेन के लिए क्वॉलिफाई नहीं करता है और इसकी सत्यता पर सवाल खड़े करता है.
इसके अलावा, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में फ्रेंच स्टडीज और हिस्ट्री में फ्रेंच के प्रोफेसर स्टीफेन गर्सन ने रॉयटर्स को बताया कि ये वायरल टेक्स्ट "नास्त्रेदम की 'भविष्यवाणी' का नहीं है", और न ही उनके दूसरी भविष्यवाणी से है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट में प्रोफेसर गर्सन ने आगे कहा है, "आपदा के मद्देनजर नास्त्रेदमस की इस तरह की झूठी भविष्यवाणियों का वापस आना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. 400 से से ज्यादा सालों से ये बात हो रही है."
इससे साफ होता है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी बताकर सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाई जा रही है.
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