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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
मार्च महीने में दिल्ली में हुए तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के बाद नोवल कोरोना वायरस के इर्दगिर्द फेक न्यूज ने मजहबी शक्ल ले ली. हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ जमातियों की बदतमीजी से लेकर वायरस फैलाने के लिए उनके इधर-उधर थूकने जैसी झूठी खबरों को पुलिस ने भी नकारा और फेक्ट चैकर्स ने भी.
आजकल एक मस्जिद में एक नग्न इंसान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीरों में वो अपने सिर से शीशे के पैनल तोड़ रहा है और आसपास के लोग चिल्लाते हुए उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं.
वीडियो के साथ ये मैसेज इस दावे के साथ फैलाया गया कि वो आदमी तब्लीगी जमात का मेंबर है. फेसबुक और ट्विटर पर कुछ लोगों ने दावा किया कि वीडियो उत्तर प्रदेश का है और शीशे तोड़ रहा आदमी आइसोलेशन सेंटर में है.
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया. एक पोस्ट को तो दस हजार लोगों ने देखा.
ऊर्दू में वीडियो का कैप्शन लिखा था - बिना कपड़ों के एक शख्स पाकिस्तान में कराची के गुलशन-ए-हदीद इलाके की मस्जिद में घुस आया. ये शख्स मस्जिद में घुसा था, अंदर तोड़फोड़ की थी और फिर इमाम के बैठने की जगह पर लेट गया था.
वीडियो के लंबे वर्जन में ये भी दिख रहा था कि बाइक पर सवार एक शख्स इस बंदे का पीछा कर रहा था. और पक्का करने के लिए हमने यूट्यूब पर मिले ऊर्दू कैप्शन को फेसबुक पर पेस्ट करके सर्च किया. ऐसा करने पर कई पेज मिले और यही वीडियो दिखा.
ऐसे ही एक और पेज ने 23 अगस्त 2019 को उर्दू डिस्क्रिप्शन के साथ फिर से वीडियो अपलोड किया था. इस पेज ने दावा किया कि मस्जिद में घुसने वाले व्यक्ति का नाम खालिद बिन वलीद था और वो मानसिक रूप से बीमार था.
उसने मस्जिद में घुसने के लिए शीशे के पैनल को तोड़ा, जिससे वो खुद बुरी तरह से घायल हो गया और आखिर में पड़ोस के लोगों ने उसे पकड़ लिया. फिर उसे कराची में स्टील टाउन पुलिस को सौंप दिया गया, जिसने जांच के बाद पाया कि उसका नाम शफीक अब्रू है.
इस वीडियो के कैप्शन में फेसबुक पेज पर बताई गई बात की पुष्टि की गई थी कि इस शख्स का नाम शफीक अब्रू था और पुलिस जांच में उसे मानसिक रूप से बीमार पाया गया था.
इससे हमें 100% यकीन तो हो गया कि ये वीडियो पाकिस्तान का है, और निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश या किसी जमाती का नहीं है.
हालांकि, बात पक्की करने के लिए हमने एक और वेरिफिकेशन प्रोसेस को ऐड किया. हमने गूगल मैप्स पर मस्जिद की फोटो देखीं और पाया कि इसका नाम जामिया मस्जिद खालिद बिन वालिद है और ये कराची में है. मस्जिद की फोटो, वायरल वीडियो में दिख रही मस्जिद से एकदम मिलती-जुलती हैं. उसी तरह ब्लू बोर्ड, और खिड़कियों की शेप भी बिल्कुल वैसी ही.
इसलिए, हम ये कह सकते हैं कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं, तबलीगी जमात का नहीं, और आईसोलेशन सेंटर का तो बिल्कुल भी नहीं है. ये वीडियो पाकिस्तान के कराची का है, 2019 में हुई एक घटना का.
ये वीडियो उन फैक्ट-चेक स्टोरीज का हिस्सा है, जो हम द क्विंट में कर रहे हैं. कोरोना वायरस महामारी के इस समय में बड़ी तादाद में फेक न्यूज शेयर की जा रही हैं. अगर आप किसी वीडियो या खबर का फैक्ट चैक करना चाहते हैं, तो हमें webqoof@thequint.com पर भेजें. तब तक के लिए, द क्विंट को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें, और वेबकूफ बिलकुल न बनें.
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