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सोशल मीडिया पर एक इमारत में तोड़फोड़ करते और आग लगाते दिख रहे लोगों का वीडियो वायरल है.
क्या है दावा : वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इसमें दिख रहे लोग पाकिस्तान (Pakistan) में स्थित 100 साल पुराने भगवान शिव के मंदिर में आग लगा रहे हैं.
किस-किसने शेयर किया ? : बीजेपी नेता अमरदीप पोटफोडे़ समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया. इसके अलावा सुदर्शन न्यूज के पत्रकार आलोक झा और महेश श्रीवास्तव ने भी ये वीडियो शेयर किया.
फिर सच क्या है ? : ये वीडियो पाकिस्तान का है, पर हाल का नहीं है. वीडियो दिसंबर 2020 का है. इसमें जिस मंदिर में तोड़फोड़ होती दिख रही है वो पाकिस्तान के करक जिले में है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटकर रिवर्स सर्च करने से हमें 2020 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें यही वीडियो था.
टाइम्स ऑफ इंडिया पर ये रिपोर्ट 31 दिसंबर 2020 को छपी थी.
इसमें बताया गया है कि कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने 30 दिसंबर 2020 को खैबर पख्तूनख्वा के टेरी गांव में हिंदू मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश की थी.
ये भी बताया गया है कि 1997 में भी इस मंदिर को ध्वस्त किया गया था पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये दोबारा बनाया गया.
हमें The Guardian पर 30 दिसंबर 2020 की एक और रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि एक रैली में भड़काऊ भाषण के बाद भीड़ भड़क गई थी. इसके बाद ये घटना हुई.
बीबीसी ने भी ये मामला कवर किया था. बीबीसी हिंदी के यूट्यूब चैनल पर 30 दिसंबर 2020 को इस घटना से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट है.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि भीड़ ने हिंदू संत परमहंस महाराज का समाधि स्थल भी तोड़ने की कोशिश की थी.
पड़ताल का निष्कर्ष : मतलब साफ है, पाकिस्तान में मंदिर की इमारत में तोड़फोड़ करते लोगों का पुराना वीडियो हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.
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