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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ को हरे रंग के झंडे फहराते और नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है.
दावा: इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वायनाड में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के समर्थन में निकाली गई रैली का वीडियो है और इसमें पाकिस्तान के झंडे फहराए जा रहे हैं.
क्यों वायरल हो रहा वीडियो ? प्रियंका गांधी आने वाले उपचुनाव में केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने जा रहीं है. यह सीट कांग्रेस नेता और उनके भाई राहुल गांधी के सांसदी छोड़ने के बाद खाली हो गयी थी. राहुल गांधी ने 2024 लोक सभा चुनावों में राय बरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों जगह से जीतने पर वायनाड की सीट छोड़ने का फैसला किया था.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. न तो यह वीडियो हाल ही का है और न ही इसमें लोगों को पाकिस्तानी झंडे लहराते हुए दिखाया गया है. यह वीडियो 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है.
वीडियो में भीड़ ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के झंडे लहराए थे पाकिस्तान के नहीं.
यह वीडियो वायनाड नहीं बल्कि कासरगोड में रिकॉर्ड किया गया था.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ?: सबसे पहले हमने वायरल वीडियो में दिख रहे झंडे की तुलना पाकिस्तान के आधिकारिक झंडे से की और यह पाया कि दोनों में कई अंतर हैं.
इसके बाद, हमने इसकी तुलना IUML के आधिकारिक झंडे से की और यह पाया कि वायरल क्लिप में जो झंडा दिख रहा है, वह वास्तव में आधिकारिक IUML का झंडा है.
दोनों झंडों के बीच में फर्क देखा जा सकता है
दोनों झंडों के बीच में फर्क देखा जा सकता है
इसके सिवा हमने YouTube पर इससे मिलते जुलते कीवर्ड सर्च किए और पाया कि एक नॉन वेरिफाइड चैनल पर भी यही वीडियो अपलोड की गई थी.
यह वीडियो 10 जून 2019 को "IUML | 2019 |" टाइटल के साथ शेयर किया गया है.
बार-बार वायरल होने वाला दावा: वायरल क्लिप में लोगों को यह नारे लगाते हुए सुना जा सकता है, "इस साल, सीपीआई (M) को घर पर बैठने दो. इस साल, सतीश चंद्रन को घर पर बैठने दो. उन्नीथन को जिताओ और लाओ. "
हमने पाया कि यह नारे राजमोहन उन्नीथन के समर्थन में लगाए गए जो केरल के कासरगोड में कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार थे.
इससे पहले यह वीडियो राहुल गांधी की रैली का बताकर शेयर किया गया था.
टीम वेबकूफ ने 2019 में इसी वीडियो को कासरगोड से IUML महासचिव से बात कर के इन दावों को खारिज कर दिया था. उन्होंने हमसे इसकी पुष्टि की थी कि यह वीडियो वास्तव में कासरगोड का था न कि वायनाड का. वह स्टोरी आप यहां पढ़ सकते हैं.
निष्कर्ष: IUML के पुराने वीडियो को प्रियंका गांधी की रैली का बताकर पाकिस्तानी झंडे लहराने के भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है.
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