ट्विटर पर विकास पांडे नाम के यूजर ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ हरे झंडे लहराए जा रहे हैं 'राहुल गांधी जिंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं.
इस वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है, 'नहीं, ये पाकिस्तान नहीं है, ये वायनाड में राहुल गांधी की जीत के बाद का जश्न है. कांग्रेस को खत्म होना पड़ेगा.'
इस वीडियो को फेसबुक पर भी गई बार शेयर किया गया, कैप्शन था- 'चुनाव नतीजों के बाद वायनाड. जहां राहुल गांधी जीते. हर एक हिंदू को जरूर देखना चाहिए.'
सच या झूठ?
इस वीडियो में दो झूठे दावे किए गए हैं. पहला, ये न ही पाकिस्तान के झंडे हैं और न ही इस्लाम के. वीडियो में दिखाए दे रहे झंडे, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के हैं, जो केरल में कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं. दूसरा, ये वीडियो वायनाड नहीं, बल्कि केरल के कासरगोद का है.
हमें जांच में क्या मिला?
वीडियो में दिख रहे झंडे केरल की इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी के हैं.
दोनों झंडे के बीच की गई तुलना ये कंफ्यूजन दूर करती है.
वायनाड नहीं, लेकिन कासरगोद
वीडियो में कई फ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक वीडियो सामने आया, जो 23 अप्रैल को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था.
इस वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है, 'IUML kalashakott at malappuram', मतलब, मलप्पुरम में IUML का ग्रैड फिनाले. ये कैप्शन इशारा करता है कि ये वीडियो वायनाड का नहीं है.
इसके अलावा, इस वीडियो में रमेश उन्नीथनके समर्थन में उठते नारों को भी सुना जा सकता है. उन्नीथन कासरगोद लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मदीवार थे.
क्विंट ने कासरगोद से IUML के महासचिव एमसी कमारुद्दीन से बात की, जिन्होंने पुष्टि की कि ये वीडियो वायनाड या मलप्पुरम का नहीं, बल्कि कासरगोद का है. हो सकता है कि ये वीडियो उन्नीथन के कैंपेन के दौरान रिकॉर्ड किया गया हो.
इससे साफ होता है कि ये वीडियो राहुल गांधी की जीत के बाद वायनाड में मने जश्नम का नहीं है, और न ही वीडियो में दिखाई दे रहे झंडे पाकिस्तानी हैं.
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