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पुर्तगाल ने जिस वक्त गोवा पर कब्जा किया, तब मुगल भारत आए ही नहीं थे

पीएम के दावे से उलट गोवा में पुर्तगाली शासन 1510 में शुरू हुआ. जबकि मुगल 1526 में भारत आए

अभिलाष मलिक
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>पीएम मोदी का गोवा के इतिहास को लेकर दावा</p></div>
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पीएम मोदी का गोवा के इतिहास को लेकर दावा

फोटो : Altered by Quint

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19 दिसंबर (रविवार) को गोवा मुक्ति दिवस पर संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ये दावा किया कि जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया उस वक्त भारत के अधिकतर हिस्से पर मुगलों का शासन था. पीएम ने आगे कहा कि भारत ने भले ही कई राजनीतिक बदलाव देखे, सत्ता में हुए परिवर्तन देखे. लेकिन, इन बदलावों के बावजूद न तो गोवा ने अपनी भारतीयता को भुलाया न ही, भारत ने गोवा को भुलाया.

प्रधानमंत्री का ये दावा भाषण में ठीक 9:05 मिनट बाद सुना जा सकता है.

हालांकि भारत में मुगलों के राज को लेकर प्रधानमंत्री का ये दावा तथ्यों की कसौटी पर खरा नहीं उतरता. क्योंकि गोवा में पुर्तगाली शासन साल 1510 में शुरू हुआ. जबकि मुगल 1526 में भारत आए. इन दोनों के बीच सीधा-सीधा 16 साल का अंतराल था.

गोवा पर कब हुआ पुर्तगालियों का कब्जा

1963 में पब्लिश हुई किताब 'Portuguese Rule in Goa, 1510–1961 के मुताबिक, इतिहासकार आरपी राव लिखते हैं कि 1510 में Afonso de Albuquerque ने गोवा पर साम्राज्य कायम किया था. हालांकि इस दौरान बीजापुर के यूसुफ आदिल शाह की तरफ से काफी प्रतिरोध किया गया था. लेकिन, आखिरकार अफोंसो गोवा पर सत्ता हासिल करने में कामयाब रहा था.

राव ये भी लिखते हैं कि कुछ हिंदू नेताओं ने अल्बुकर्क को गोवा पर शासन करने के लिए आमंत्रित किया था जिससे हिंदू आबादी ''शाह सरकार के उत्पीड़न'' से मुक्त हो सके.

अल्बुकर्क ने इस आमंत्रण का फायदा उठाया और शाह की गैरमोजूदगी में मार्च 1510 में गोवा पर कब्जा कर लिया. हालांकि, दो महीने बाद शाह ने वापस पुर्तगालियों को समुद्र तट तक खदेड़ दिया था

राव लिखते हैं कि नवंबर 1510 में अल्बुकर्क फिर नई ताकत के साथ लौटा और जंग के बाद एक बार फिर गोवा पर जीत हासिल की

गोवा पर पुर्तगाल का शासन कायम होने की घटनाओं का यही उल्लेख इतिहास की अन्य किताबों में भी मिलता है. जैसे कि केएम मैथ्यू की History of Portuguese Navigation in India या फिर अनंत ककबा प्रियोलकर की Goa Inquisition' और भगमंडला सीतारमा शास्त्री की Goa-Kanara Portuguese Relations, 1498-1763 .

गोवा के इतिहास का अध्यययन कर रहे वाल्मीकि फलेरो कहते हैं कि प्रधानमंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है. फलेरो ने कहा

''पुर्तगाली सबसे पहले भारत के तटों पर 1498 में पहुंचे और बाबर ने मुगल साम्राज्य की स्थापना 1520 के बाद की. वास्कोडिगामा कोलकाता के तट पर 1498 में पहुंचा.1505 में वोस्कोडिगामा को पुर्तगाली शासन ने पहला गवर्नर नियुक्त किया. 1505 से ही पुर्तगालियों ने उपमहाद्वीप पर शासन करने की ठानी और 1509 में अल्बुकर्क को गवर्नर नियुक्त कर दिया गया.''
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फलेरो भी यही कहते हैं कि हिंदुओं के आमंत्रण पर ही अल्बुकर्क ने गोवा पर नवंबर 1510 में शासन स्थापित किया.

IISER पुणे में ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस के एसोसिएट प्रोफेसर पुष्कर सोहोनी ने भी क्विंट से बातचीत में कहा कि पुर्तगालियों ने 1510 में आदिल शाह को हटाकर सत्ता हासिल की थी.

सोहोना ने ये भी बताया कि आदिल शाह महल, अब भी पणजी में है. उसका इस्तेमाल सचिवालय के रूप में होता रहा है. गोवा के भारत का हिस्सा बनने के बाद भी.

कब शुरू हुआ भारत में मुगल साम्राज्य?

NCERT इतिहास की सातवीं कक्षा की किताब, द मुगल एम्पायर के अनुसार, मुगल, मंगोल शासक चंगेज खान और ईरान, इराक और आधुनिक तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे.

किताब में आगे कहा गया है कि भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना 1526 में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को पानीपत में हराने के बाद बाबर ने की थी.

इतिहासकार इरफान हबीब भी NCERT की किताबों में बताई गई इन घटनाओं की तारीखों से सहमत हैं. इरफान हबीब ने क्विंट से बातचीत में कहा

"1510 में भारत में मुगलों का कोई नामों निशान नहीं था. उस वक्त तो लोदी भारत पर शासन कर रहे थे जो मुगलों के आने पर हार गए थे.

साफ है, ये कहना सही नहीं है कि जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया तब भारत में मुगलों का राज था.

द क्विंट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान के स्पष्टीकरण को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया है. जवाब आने पर इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

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