advertisement
सोशल मीडिया पर इजरायल-फिलिस्तीन के बीच हुए संघर्ष के बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो केरल के वायनाड का है. वीडियो में दिख रहे लोग फिलिस्तीन के समर्थन में प्रोटेस्ट करते हुए मलयालम में नारे लगा रहे हैं.
हालांकि, क्विंट की पड़ताल में ये दावा गलत निकला. फिलिस्तीन के समर्थन में ये प्रोटेस्ट कतर के दोहा की एक मस्जिद में 15 मई को हुआ था.
वीडियो में, प्रदर्शनकारियों को मलयालम में नारे लगाते हुए देखा जा सकता है, जिसका अनुवाद है: “हम इजरायल को उसके अत्याचारों के लिए न तो भूलेंगे और न ही माफ करेंगे. इजरायल ने फिलिस्तीनियों को मारने के लिए बम और हथियारों का इस्तेमाल किया. हम तुम्हें सारे खून-खराबे के लिए जवाबदेह ठहराएंगे.”
वीडियो के साथ शेयर किए गए दावे में बताया गया है कि फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले "हमास समर्थक जेहादियों" ने केरल के वायनाड जिले में प्रोटेस्ट किया. ये जगह कांग्रेस नेता राहुल गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है.
हमने यूट्यूब पर मलयालम कीवर्ड से सर्च करके देखा. हमें 16 मई को अपलोड किया गया ‘GulfMalayaly’ नाम के एक चैनल का वीडियो मिला. इसके कैप्शन में लिखा था कि कतर में लोग फिलिस्तीन के साथ एकजुटता से खड़े हुए. वायरल हो रहे विजुअल आप 26वें सेकंड से देख सकते हैं.
क्विंट की वेबकूफ टीम ने कतर में वर्किंग प्रोफेशनल जोजू कुरियन से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि कतर के दोहा की कतर राज्य मस्जिद में 15 मई को विरोध प्रदर्शन हुआ था.
इसके अलावा, मीडिया आउटलेट ‘Qatar Living’ ने भी अपने फेसबुक अकाउंट पर इसी तरह के विजुअल शेयर किए थे. और बताया था कि अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के कई लोग फिलिस्तीन के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए इमाम मुहम्मद बिन अब्दुलवहाब मस्जिद या कतर राज्य मस्जिद में इकट्ठा हुए थे.
Gulf Times में पब्लिश एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक हमास के राजनीतिक ब्यूरो के हेड इस्माइल हनिया ने भी 15 मई को दोहा में लोगों को संबोधित किया था.
वायरल वीडियो में दिख रही मस्जिद के स्ट्रक्टर की तुलना करने पर हमने पाया कि ये इमाम मुहम्मद इब्न अब्द अल-वहाब मस्जिद या कतर राज्य मस्जिद से मेल खाती है. इसे आप Getty Images पर अपलोड की गई तस्वीर में भी देख सकते हैं.
इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच 11 दिनों तक चले खूनखराबे के बाद, इजिप्ट की मध्यस्थता से 21 मई को युद्धविराम लागू हुआ. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ही पक्षों ने जीत का दावा किया है.
मतलब साफ है कि कतर का वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि केरल के वायनाड में फिलिस्तीन के समर्थन में लोग इकट्ठा हुए थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)