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सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी घंटियां ले जा रहे ट्रक का एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ये घंटिया सरकार की न्यूक्लियर पॉवर कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में बनाई हैं.
दावे में ये भी कहा गया है कि ये घंटियां खास तौर पर उत्तरप्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में बने राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए बनाई गई हैं.
क्या ये सच है ? : नहीं, ये दावा गलत है.
वीडियो में दिख रही विशाल घंटियों को तमिलनाडु के नमक्कल जिले में स्थित अनदल मोल्डिंग वर्क्स कंपनी ने बनाया है.
कंपनी के एक कारीगर ने द क्विंट से पुष्टि की है कि इन घंटियों को अयोध्या के राम मंदिर के लिए एक भक्त के ऑर्डर पर बनाया गया था.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल वीडियो को कई की-फ्रेम में बांटकर हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया.
हमें Mojo Story के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 25 दिसंबर 2023 को अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
वीडियो के टाइटल में बताया गया है कि अयोध्या राम मंदिर के लिए 42 घंटियां 'जय श्री राम' के नारों के बीच राम मंदिर जा रही हैं.
यहां से अंदाजा लेकर, हमने कुछ कीवर्ड सर्च किए, जिसके बाद हमें The Hindu, The New Indian Express और News18 की रिपोर्टस मिलीं.
ये रिपोर्ट्स दिसंबर 2023 को पब्लिश की गई थीं और इनमें बताया गया है कि ये घंटियां अंदल मोल्डिंग वर्क्स की तरफ से बनाई गई थी. ये निर्माता कंपनी तमिलनाडु के नमक्कल में मोहनूर रोड पर स्थित है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि बेंगलुरु के एक श्रद्धालु राजेंद्र प्रसाद के ऑर्डर पर इन 28 विशाल घंटियों को बनाया जा रहा है. ये ऑर्डर नवंबर 2023 को दिया गया था.
इसमें आगे बताया गया है कि ये घंटियां पहले नमक्कल के अनजनेयर मंदिर में थीं.
अंदल मोल्डिंग वर्क्स का बयान : द क्विंट ने अंदल मोल्डिंग वर्क्स से संपर्क किया और उनके कारीगर कालिदास से संपर्क किया. उन्होंने पुष्टि की कि वायरल वीडियो में दिख रही घंटियां उनके परिवार ने बनाई थीं.
कालिदास ने बताया कि उन्होंने एक महीने के अंदर 48 घंटियां बनाईं और 14 दिसंबर 2023 को इन्हें बेंगलुरु में श्रद्धालु के पास भेज दिया.
निष्कर्ष : साफ है कि वायरल वीडियो में दिख रही मंदिर की घंटियां BHEL ने नहीं, बल्कि एक प्राइवेट कंपनी अंदर मोल्डिंग वर्क्स ने अयोध्या राम मंदिर के लिए बनाई हैं.
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