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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक भीड़ लाठी-डंडे से दो लोगों की बेरहमी से पिटाई कर रही है. इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुसलमानों ने हिंदुओं की पिटाई कर हाथ और पैर तोड़ दिए हैं. वीडियो शेयर करने के साथ ये चेतावनी वाला संदेश दिया जा रहा है कि, इस तरह का हमला कभी भी हो सकता है.
हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो पुरानी है और ये घटना पश्चिम बंगाल में नहीं बल्कि बांग्लादेश में हुई थी. इसे अभी गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
करीब 44 सेकेंड के इस वीडियो में कुछ लोग दो शख्स को पीट रहे हैं और कुछ लोग वहां खड़े होकर देख रहे हैं.
इसे ट्विटर पर इस संदेश के साथ शेयर किया गया है, 'फिर कहता हूं पालघर संयोग नहीं प्रयोग था, साधुओं के बाद अब आम जनता की लिनचिंग शुरु हो गई है, ये वीडियो बंगाल का बताया जा रहा है, बताया गया है कि रोहिंग्या स्थानीय निवासियों जो कि हिंदू है को पकड़ कर हांथ-पांव तोड़ रहे हैं, कल आपकी बारी हो सकती है.'
ट्विटर पर नितिन शुक्ल नाम के शख्स ने वीडियो को साझा किया है, जो एक खुद को एक खोजी पत्रकार होने का दावा करता है. स्टोरी पब्लिश किए जाने तक इस ट्वीट को 900 से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया था और 22.7 हजार व्यूज थे.
इस वीडियो को पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नाम के शख्स ने उसी मैसेज के साथ ट्वीट किया है.
ये वीडियो फेसबुक पर भी वायरल हो रहा. पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ सपोर्टरर्स नाम के फेसबुक पेज पर इस वीडियो शेयर किया गया, जिसे 2.9 हजार से ज्यादा बार देखा गया था.
इसे कई दूसरे फेसबुक यूजर्स ने भी शेयर किया था.
वीडियो को कई कीफ्रेम में विभाजित करने और एक रिवर्स इमेज सर्च चलाने पर, हमें फेसबुक पर अप्रैल के कई वीडियो मिले, जिसमें दावा किया गया कि वीडियो बांग्लादेश का था.
एक दूसरे पोस्ट के कैप्शन में ये बताया गया था कि ये वीडियो बांग्लादेश से था.
इन पोस्ट के कमेंट में जाने के बाद, लोगों ने लिखा था कि ये घटना एक ऑटो की चोरी से संबंधित थी.
एक यूजर्स ने ये भी सुझाव दिया कि ये वीडियो बांग्लादेश के कामिल का था.
हम आगे एक और फेसबुक पेज पर आए, जिसने वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया, 'एक ऑटो चोरी करते पकड़े जाने के बाद..'
हमने वीडियो में देखा कि एक बैटरी चालित ऑटो दिखाई दे रहा था और एक आदमी को ऑटो का जिक्र करते हुए सुना जा सकता है कि, उसने इतनी मशक्कत के बाद इसे खरीदा था.
इन सुरागों के हवाले से, हमने फेसबुक पर बंगाली कीवर्ड “অটো চুরির জন্য মার” के साथ सर्च किया, जिसका अनुवाद 'ऑटो चोरी के लिए पीटना' है. इस कीवर्ड से हमें कई पेज मिले, जिसमें देखा गया कि, मार्च 2019 में वीडियो शेयर किया गया था और लिखा गया ये एक ऑटो चोरी के कारण हुआ था.
इनमें से एक पेज न्यूज मीडिया बंगाल ने 24 मार्च 2019 को फेसबुक पर इस वीडियो को अपलोड किया था.
अन्य दो पेजों ने 25 मार्च और 27 मार्च 2019 को इसी वीडियो को ऑटो चोरी के कैप्शन के साथ अपलोड किया गया था.
वहीं, हमें इस घटना के बारे में कोई भी समाचार रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे ये स्पष्ट है कि ये घटना पुरानी है और पश्चिम बंगाल की नहीं है.
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