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अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर फेक न्यूज की जैसे बाढ़ आ गई है. नेताओं के फर्जी बयान चलाए जा रहे हैं. जिन वीडियो का भगवान राम के मंदिर से कोई संबंध भी नहीं है, वो उन्हें मंदिर का ग्रांड प्लान बनाकर शेयर किया जा रहा है. क्विंट की वेबकूफ टीम ने सात दिन में सात ऐसे झूठे दावों का पर्दाफाश किया है.
चूंकि अयोध्या मुद्दे पर हमेशा से राजनीति होती आई है लेकिन इसलिए अक्सर नेता ही ही फेक न्यूज फैलाने वालों के निशाने पर रहते हैं
उदाहरण के लिए. न्यूज ट्रैक लाइव नाम की वेबसाइट ने खबर दी कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने धमकी दी है कि अगर उन्हें राम मंदिर भूमि पूजन में नहीं बुलाया गया तो वो जल समाधि ले लेंगे. इस खबर पर ढेर सारे लोगों का ध्यान गया और खासकर बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और राइट विंग की वेबसाइट स्वराज का.
लेकिन बात ये थी कि इस आजम खान ने कहा था - ये मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और इन्होंने कहा था कि अगर इन्हें सेरेमनी में नहीं बुलाया गया तो ये 'जलसमाधि' ले लेंगे. हमने उनसे बात भी की और उन्होंने इस बात की पुष्टि की.
ऐसे ही एक ट्वीट को समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव का बताकर वायरल किया गया. हालांकि, ये भी फेक निकला. लेकिन ये सब एक तरफ, कुछ लोगों ने 3D एनीमेशन वीडियो तक शेयर किए और दावा किया कि ये राम मंदिर का लेआउट प्लान है.
लेकिन उनमें से एक 2014 के जैन मंदिर के लिए बनाया गया एनीमेटेड वीडियो था जिसे architecture visualisation studio ने बनाया था. बाकी के वीडियो बंगाल के मायापुर के इस्कॉन मंदिर का 3D डिजाइन थे.
दावा किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी मंदिर निर्माण शुरू होने की खुशी में रामायण स्टांप लॉन्च कर रहे हैं. साथ ही कहा कहा गया कि स्पेन में मंदिर की खुशी में ढोल बज रहे हैं. इनमें दोनों ही बातें सही नहीं हैं. ये स्टांप्स 2017 में लॉन्च हुए थे और ढोल प्रदर्शन वाला उत्सव 2018 में हुआ था जब पुणे का एक ग्रुप स्पेन एक फोक फेस्टिवल में हिस्सा लेने गया था.
कई सारी फेक न्यूज में से ये कुछेक गलत खबरें हैं जिनका पर्दाफाश रोजाना हम वेबकूफ में करते हैं.
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