advertisement
मध्य प्रदेश के भोपाल से सांसद और बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दावा किया है कि गोमूत्र से कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वो खुद रोजाना गौमूत्र का अर्क लेती हैं. इसलिए उन्हें कोरोना के लिए किसी अन्य दवाई की जरूरत ही नहीं.
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर का ये दावा पूरी तरह निराधार है. क्विंट की वेबकूफ टीम गाय के गोबर या गोमूत्र से कोरोना ठीक करने वाले कई दावों की पड़ताल कर चुकी है. क्रिटिकल केयर मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. सुमित रे क्विंट से बातचीत में बता चुके हैं कि गोमूत्र से कोरोना ठीक होने के कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं.
गाय के गोबर या गौमूत्र से कोरोना ठीक करने वाले नेताओं की लिस्ट में प्रज्ञा ठाकुर पहला नाम नहीं है. इससे पहले भी कई नेता गोमूत्र पीने से कोरोना ठीक होने, गोबर के कंडे जलाने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ने और गाय के गोबर से बने कंडे जलाने से कोरोना ठीक करने जैसे दावे कर चुके हैं.
कोरोना की दूसरी लहर में भी ऐसे दावों का सिलसिला जारी है. कुछ दिन पहले यूपी के बैरिया से विधायक और बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह ने गोमूत्र पीते हुए अपना वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. साथ ही ये दावा किया कि गौमूत्र ही कोरोना वायरस से बचा सकता है. मेडिकल एक्सपर्ट्स इस दावे से इत्तेफाक नहीं रखते.
मार्च 2020 में हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने ये दावा किया था कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए गौमूत्र पीना होगा और मीट खाना छोड़ना होगा. पिछले साल असम बीजेपी नेता सुमन हरिप्रिया ने विधानसभा में कहा था कि उनका विश्वास है कि गौमूत्र और गाय के गोबर से बने कंडे से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है.
हाल में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मेरठ बीजेपी नेता गोपाल शर्मा और उनके समर्थक सड़कों पर हवन करते और शंख बजाते घूमते देखे गए. गोपाल शर्मा ने एक न्यूज चैनल को दिए बयान में कहा कि उन्होंने वायरस को खत्म करने और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए ऐसा किया.
मध्य प्रदेश सरकार में संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर बिना किसी वैज्ञानिक आधार वाली घर को सैनेटाइज करने की ऐसी ही एक ट्रिक बता चुकी हैं. 7 मार्च को उन्होंने दावा किया था कि गाय के गोबर से बने कंडों का हवन करने से घर 12 घंटे के लिए सैनेटाइज रहता है. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस दावे की पड़ताल की थी. एक्सपर्ट्स ने इसे पूरी तरह फेक बताया था.
गाय के उपले का धुआं करने से घर को सैनेटाइज करने वाले दावे को लेकर हमने कोरोना महामारी से निपटने के लिए बनाए गए वैज्ञानिकों के संगठन ISRC के को फाउंडर डॉ. एस कृष्णास्वामी से भी संपर्क किया. डॉ. कृष्णास्वामी ने इस दावे को पूरी तरह निराधार बताया.
सोशल मीडिया पर गोबर के उपले जलाकर धुआं करने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ने का दावा भी किया जा चुका है. दावा था कि गाय के गोबर से बने उपले पर देसी घी डालकर जलाएं. 10 ग्राम घी से 1000 टन हवा को ऑक्सीजन में कन्वर्ट कर सकते हैं.
वेबकूफ टीम ने इस दावे की पड़ताल की थी और पड़ताल में ये दावा फेक साबित हुआ था.
IIT बॉम्बे में केमिकल इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिजीत मजूमदार के मुताबिक,
मतलब साफ है कि न तो कोरोना वायरस गोमूत्र पीने से खत्म होता है. न ही गाय के गोबर से बने उपले जलाकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया जा सकता है या घर को सैनेटाइज किया जा सकता है. कोरोना एक खतरनाक वायरस है. जिसका सही समय पर सही इलाज जरूरी है. इन फेक दावों को सच मानकर अगर लोग खुद को कोरोना प्रूफ मान लेते हैं तो फेक न्यूज जानलेवा भी साबित हो सकती है.
वेबकूफ टीम लगातार सोशल मीडिया पर बताए जा रहे कोरोना वायरस से जुड़े भ्रामक दावों की पड़ताल कर रही है. हमारी फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 और वैक्सीन पर आधिरित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)