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शिक्षा के उद्देश्य से बनाया गया वीडियो 'धर्म परिवर्तन' के झूठे दावे से वायरल

हाल में ऐसे कई वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावों से वायरल हो चुके हैं, जिन्हें जागरूकता के लिए बनाया गया था

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग बर्थडे केक पर कुछ मिलाते नजर आ रहे हैं. वीडियो में बेहोशी की हालत में दो लड़कियों को अंदर ले जाते हुए देखा जा सकता है. ये वीडियो सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है. दावे के मुताबिक, वीडियो में दिख रहे शख्स मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) से हैं. दावे में ये भी कहा गया है कि वो महिलाओं को बेहोश करने के बाद उनके साथ आपत्तिजनक क्लिप रिकॉर्ड करते हैं और बाद में इन क्लिप्स का इस्तेमाल कर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं और धर्म परिवर्तन करवाते हैं.

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हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड है जिसे जारूकता फैलाने के लिए बनाया गया था. वीडियो को लेकर किया जाने वाला दावा सच नहीं है. हाल में ऐसे कई वीडियो भ्रामक दावों के साथ शेयर किए जा चुके हैं, जिन्हे जागरूकता फैलाने या ''शिक्षा के उद्देश्य'' से बनाया गया था. इन वीडियो को अल्पसंख्यक समुदाय को बदनाम करने के उद्देश्य से झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया गया था.

दावा

2 मिनट 19 सेकंड के वीडियो को शेयर कर दावे में लिखा गया है कि ये मुस्लिम आपके दोस्त है तो देख लो जिहाद कैसे करते हैं. दावे में उन्हें देशद्रोही बताते हुए कहा गया है कि वो महिलाओं को बेहोश कर आपत्तिजनक वीडियो बनाते हैं और उन्हें सेक्स स्लेव बनाते हैं और धर्म परिवर्तन करवाते हैं.

इस दावे को फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स ने शेयर किया है. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर, वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. सर्च रिजल्ट में हमें यूट्यूब पर वायरल वीडियो का एक ज्यादा साफ और लंबा वर्जन मिला.

इस वीडियो के 3 मिनट 4 सेकंड वाले हिस्से में हमने एक डिसक्लेमर देखा जिसमें कहा गया था कि, ''वीडियो देखने के लिए धन्यवाद! कृपया ध्यान रखें इस पेज में स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडी भी हैं. ये शॉर्ट फिल्में सिर्फ शिक्षा के उद्देश्य से बनाई गई हैं.''

क्विंट की वेबकूफ टीम ने इसके पहले भी ऐसे कई शिक्षा के उद्देश्य से बनाए गए वीडियो की पड़ताल की है, जिन्हें भ्रामक और सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा चुका है.

मतलब साफ है कि जागरूकता के लिए बनाया गया वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया गया है.

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