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सोशल मीडिया पर पीएम मोदी (PM Modi) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, इस वीडियो में वह अंनत अंबानी की शादी में शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेते हुए दिख रहे हैं.
दावा: वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अंबानी के यहां बैठे दो शंकराचार्य में से एक शंकराचार्य के मोदी जी ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया और दूसरे शंकराचार्य जो राम मंदिर पर सवाल उठाते रहे और आमंत्रण अस्वीकार किया राम मंदिर उद्घाटन में भी नहीं गये थे. मोदी जी ने उनकी तरफ पलट कर भी नहीं देखा.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. पीएम मोदी ने दोनों शंकरायाचार्य से मुलाकात की थी.
इस दावे में पीएम मोदी के जिन शंकराचार्य से नहीं मिलने की बात की जा रही है वह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद है.
पहले तो आपको यह बता दें की पीएम मोदी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से भी मिले.
पीएम मोदी ने सबसे पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से ही मुलाकात की, आशीर्वाद लिया, उसके बाद वायरल वीडियो में नजर आ रहे शंकराचार्य से मिले हैं.
क्यों वायरल हो रहा दावा ? इसी साल जनवरी 2024 में अयोध्या में बने नए राम मंदिर के अभिषेक समारोह का चार शंकराचार्यों ने बहिष्कार किया था. इसी संदर्भ में यह वायरल दावा शेयर कर यह कहा जा रहा है कि मोदी ने चार शंकराचार्यों में से एक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद नहीं लिया. हालांकि, वायरल दावे के उलट, पीएम मोदी ने अनंत अंबानी की शादी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ? हमनें इस वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया, जिसकी मदद से हमें Youtube पर इस क्लिप का पूरा वीडियो मिला.
The Lallantop के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मिलते हैं, उनसे आशीर्वाद लेते हैं, इसके बाद अन्य शंकराचार्यों से मिलते हैं.
Youtube पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें The Economic Times का यह वीडियो मिला जिसमें 02:09 मिनट पर पीएम मोदी को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मिलते हुए देखा जा सकता है.
न्यूज एजेंसी ANI के इस वीडियो में तो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पीएम मोदी से मिलने के बाद इस मुलाकात से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए देखें जा सकते हैं.
Aaajtak की X पर की गई पोस्ट में पीएम मोदी की शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और शंकराचार्य सदानंद सरस्वती से मुलाकात की तस्वीरें भी देखीं जा सकती हैं.
निष्कर्ष: पीएम मोदी के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को अंबानी की शादी ने नजरअंदाज करने और मुलाकात न करने का दावा झूठ और भ्रामक है. वायरल वीडियो अधूरी है.
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