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साल 2017 के खुदकुशी मामले को COVID-19 से जोड़कर किया जा रहा शेयर

सोशल मीडिया पर किया जा रहा है ये दावा

क्विंट हिंदी
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सोशल मीडिया पर किया जा रहा है ये दावा
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सोशल मीडिया पर किया जा रहा है ये दावा
(फोटो: Altered by Quint)

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कोरोना वायरस संकट के बीच देश में कई ऐसे मामले सामने आए है, जिसने समाज के वंचित तबकों की दुर्दशा को उजागर किया है. इसी बीच, एक परिवार के खुदकुशी के फोटो को सोशल मीडिया पर ये कह कर शेयर किया जा रहा है कि इस घटना ने सरकार के 'राहत कार्य' को उजागर किया है.

हालांकि, ये घटना साल 2017 की है, जब गरीबी के कारण एक परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी.

दावा

फेसबुक और ट्विटर पर ये फोटो कई दावों के साथ वायरल हो गई है.

एक दावा जो सबसे ज्यादा शेयर किया जा रहा है, वो ये बताता है कि सरकार की मदद न मिलने के कारण परिवार ने खुदकुशी कर ली. दावे में लिखा है, “सरकार के राहत की पोल खोलती हुई एक हृदयविदारक घटना . क्या देश को इस हृदय विदारक घटनाओं का जिक्र केंद्र सरकार के किसी मंत्री या अधिकारी द्वारा अफसोस करते दिखी....? मोदी जी-आप ये किस तरह का नया भारत बना चुके हैं...!

(फोटो : स्क्रीनशॉट)

एक अलग दावे के साथ भी वही फोटो वायरल हो रही है.

(फोटो : स्क्रीनशॉट)

हमें जांच में क्या मिला?

गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर, इस घटना पर हमें एक केस स्टडी मिली, जो अक्टूबर 2019 में फोरेंसिक विज्ञान के एक ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित हुआ था.

Quadruple hanging: a rare scenario in filicide-suicide के टाइटल से लिखी इस केस स्टडी को AIIMS-जोधपुर के फोरेंसिक मेडिसिन डॉक्टर्स ने लिखा था.

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट BOOM के मुताबिक, उनमें से एक डॉक्टर ने ये कंफर्म किया कि ये फोटो एक डॉक्टर ने ली थी, जो 2017 में क्राइम सीन पर फोरेंसिक एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे.

BOOM ने अपनी रिपोर्ट में पेपर के सह-लेखकर नवनीत कटारिया के हवाले से लिखा, “यह घटना जोधपुर के एक गांव की थी जहां कर्ज के परेशान होकर एक किसान ने पूरे परिवार समेत आत्महत्या कर ली थी."

इसके बाद, हमने "जोधपुर परिवार आत्महत्या" जैसे कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया, जिसके बाद हमें घटना को लेकर कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. जागरण की 31 अगस्त 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा था, और दोनों पति-पत्नी काफी बीमार थे.

इससे ये साफ होता है कि 2017 के एक मामले को झूठा दावा के साथ पेश किया जा रहा है.

आप हमारी सभी फैक्ट-चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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