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रैली में भीड़ दिखाने के लिए BJP ने शेयर की जो फोटो वो निकली पुरानी

बीजेपी प्रवक्ता जीएस सूर्या ने सवाल उठाए जाने के बाद डिलीट किया ट्वीट

टीम वेबकूफ
वेबकूफ
Updated:
वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि फोटो 2019 की है 
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वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि फोटो 2019 की है 
फोटो : Altered by Quint Hindi

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सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर कर इसे पश्चिम बंगाल में मोदी को सुनने के लिए उमड़ा जनसैलाब बताया जा रहा है. पिछले महीने इसी फोटो को पश्चिम बंगाल में हुई कांग्रेस और सीपीआई(एम) की रैली का बताकर शेयर किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मार्च को कोलकाता के के ब्रिगेड ग्राउंड में विशाल रैली को संबोधित किया. ये सच है कि इस रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, लेकिन इसी बीच पंजाब बीजेपी समेत पार्टी से जुड़े कई ऑफिशियल हैंडल्स से 2019 की फोटो को 7 मार्च, 2021 का बताकर शेयर किया गया. तमिलनाडु बीजेपी के प्रवक्ता जीएस सूर्या ने बाद में स्वीकारा भी कि उन्होंने गलत फोटो ट्वीट करने के 3 मिनट बाद डिलीट कर दी थी

दावा

पंजाब बीजेपी के ऑफिशियल फेसबुक पेज से नरेंद्र मोदी के भाषण के एक हिस्से के साथ 7 मार्च को फोटो पोस्ट की गई.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करेंसोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करेंसोर्स : (स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
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पड़ताल में हमने क्या पाया

फरवरी में इसी फोटो को पश्चिम बंगाल में हुई कांग्रेस और सीपीआई (एम) की रैली का बताकर शेयर किया गया था.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करेंसोर्स : (स्क्रीनशॉट /ट्विटर)
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कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से 4 फोटो पोस्ट की गई थीं. उनमें से एक ये फोटो भी थी. कैप्शन था- इतनी बड़ी संख्या से सच का पता चल रहा है. कोलकाता में हमारी रैली में 8 लाख लोगों के जमा होने से इस सच का पता चलता है: पश्चिम बंगाल के लोग विकास, न्याय और समानता के साथ खड़े हैं, न कि घृणा, हिंसा और महापाप के साथ.

सोर्स : (स्क्रीनशॉट /ट्विटर)

फरवरी में क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस फोटो की पड़ताल की थी. पड़ताल में सामने आया था कि फोटो कम से कम 2 साल पुरानी है, इसका पश्चिम बंगाल में चल रहे हालिया चुनाव प्रचार से कोई संबंध नहीं है.

Peoples Democracy नाम की एक वेबसाइट पर पब्लिश 10 फरवरी, 2019 के एक आर्टिकल में यही फोटो है. आर्टिकल का शीर्षक है, ''WEST BENGAL: Brigade Turns into Red Sea'' . आर्टिकल में ये जानकारी भी दी गई है कि 3 फरवरी 2019 को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी. ये रैली लेफ्ट फ्रंट ने आयोजित कराई थी.

सोर्स : (स्क्रीनशॉट /वेबसाइट)

PROKERALA वेबसाइट पर 3 फरवरी 2019 की रिपोर्ट मेें भी यही फोटो है.

सोर्स : (स्क्रीनशॉट /वेबसाइट)

हमें Alamy वेबसाइट पर भी यही वायरल इमेज मिली. इसमें इस फोटो की तारीख 3 फरवरी 2019 बताई गई है. दोनों फोटो की आपस में तुलना नीचे देखी जा सकती है.

फोटो: Altered by Quint 

तमिलनाडु बीजेपी के प्रवक्ता एसजी सूर्या ने भी यह फोटो पश्चिम बंगाल में हुई मोदी की रैली का बताकर ट्वीट की थी. हालांंकि बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया. एक ट्वीट के जवाब में जीएस सूर्या ने ये स्वीकारा भी कि उन्होंने फोटो ट्वीट करने के 3 मिनट बाद डिलीट कर दी थी.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करेंसोर्स स्क्रीनशॉट ट्विटर

नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल 7 मार्च के भाषण की लाइव स्ट्रीमिंग का लिंक शेयर हुआ था. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में मोदी को सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट /लाइव स्ट्रीमिंग )

मतलब साफ है - नरेंद्र मोदी की सभा में भारी संख्या में लोग तो आए, लेकिन बीजेपी पंजाब के ऑफिशियल फेसबुक पेज और बीजेपी प्रवक्ता जीएस सूर्या समेत कई यूजर्स ने जिस फोटो को 7 मार्च, 2021 का बताकर शेयर किया गया वह असल में 2019 की है. वायरल फोटो का पश्चिम बंगाल के हालिया चुनाव प्रचार से कोई संबंध नहीं है.

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Published: 08 Mar 2021,01:24 PM IST

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