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यूपी में बच्चा चोरी की अफवाह: जितने मुंह उतनी बातें-क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट

Uttar Pradesh के कम से कम 30 जिलों में सितंबर के पहले हफ्ते से लेकर अब तक करीब 30 लोगों पर हमले हो चुके हैं

पीयूष राय
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>Uttar Pradesh में बच्चा चोरी की अफवाहें बढ़ा रहीं मुश्किलें, पीटे जा रहे निर्दोष</p></div>
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Uttar Pradesh में बच्चा चोरी की अफवाहें बढ़ा रहीं मुश्किलें, पीटे जा रहे निर्दोष

(फोटो: Altered by the Quint)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Moradabad) जिले के सहल गांव में 4 सितंबर की सुबह भी हर रोज की तरह ही थी. लेकिन, बच्चा चोरी की अफवाहों ने हलचल पैदा कर दी. सुबह के 8 बज रहे थे. गांव में एक बाहरी शख्स दिखता है. लोग उसे बच्चा चोर समझ बैठते हैं और देखते ही देखते 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है. इस भीड़ में शामिल बच्चे और बड़े उस शख्स को पीटना शुरू कर देते हैं.

मुरादाबाद जिले में बच्चा चोरी की अफवाहकी वजह से पीटा गया एक शख्स

(फोटो: पीयूष राय/क्विंट)

स्थानीय पुलिस के मुताबिक, जिस शख्स की पिटाई हुई वो बिहार के वैशाली जिले का है और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.

भोजपुर थाने में तैनात पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर हमें बताया, ''उसके पास एक पॉलीथीन थी जिसमें कागज के टुकड़े, टॉफी और कुछ फटे हुए रुमाल थे. लोगों को लगा कि वो बच्चों को टॉफी का लालच देकर उन्हें बेहोशी की दवा वाले रुमाल से बेहोश कर देता है और किडनैप कर लेता है.

ऐसा अक्सर होता है कि गांव में कुछ लोग गांव में आए किसी भी ऐसे बाहरी को ''बच्चा चोर'' समझ लेते हैं जिसकी गतिविधियां या पहनावा उनके हिसाब से ''सामान्य'' नहीं होता.

इस घटना के बाद, पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और बच्चा चोरी का झूठा आरोप लगाकर मारपीट करने के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके बाद से, स्थानीय लोग दबी जुबां शिकायत कर रहे हैं कि उनके बच्चे अकेले बाहर जाने से डर रहे हैं. कुछ का कहना कि बच्चों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया है.

अफवाहों से फैली बच्चों में दहशत

60 वर्षीय कैलाश सिंह गांव के निवासी हैं और एक किसान हैं. उन्होंने क्विंट को बताया कि अफवाहों से बच्चों के दिमाग में डर भर गया है.

हमारे गांव में ये जो घटना हुई इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इससे बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता में भी डर गए हैं. उस दिन मेरी पोती ने भी अकेले स्कूल जाने से मना कर दिया.
कैलाश सिंह, सेहल गांव के निवासी

गांव के निवासी कैलाश सिंह

(फोटो: पीयूष राय/क्विंट)

उत्तर प्रदेश के कम से कम 30 जिलों में सितंबर के पहले हफ्ते से लेकर अब तक करीब 30 लोगों पर हमले हो चुके हैं. ये वो लोग हैं जिन पर या तो कथित तौर पर बच्चा चोर होने का आरोप लगाया गया या उन्हें बच्चा चोर समझ लिया गया. पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है और लोगों से अपील की है. इसके अलावा, इन अफवाहों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की हैं. लेकिन अभी तक इसका कोई फायदा होते नहीं दिख रहा.

'टॉफी देकर फुसलाना' या 'बच्चा छीनने की कोशिश'? एक ही घटना के अलग-अलग वर्जन

उसी दिन सहल गांव से करीब 5 किमी दूर सरदारनगर में एक और शख्स को बच्चा चोर समझकर पीटा गया. फर्क सिर्फ इतना है कि ये घटना तब हुई जब एक महिला ने शोर मचाया. उसे तब तक पीटा गया जब तक स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया.

सरदार नगर में बच्चा चोर समझकर पीटा गया एक शख्स

(फोटो: पीयूष राय/क्विंट)

क्विंट ने कई गांव वालों से बात की. सबने इस घटना के अलग-अलग वर्जन बताए. नीचे देखिए किस तरह से इस घटना को अलग-अलग लोगों ने अलग-अलग तरीके से बताया.

  1. ''एक महिला एक बच्चे को गोद में लेकर डॉक्टर के पास आई थी. तभी एक शख्स ने बच्चे को गले से लगाने की कोशिश की. महिला को लगा कि वो बच्चा चोरी करने की कोशिश कर रहा है. इसलिए वो चिल्लाई.''

  2. ''एक शख्स बच्चे को टॉफी दे रहा था. ये देखकर महिला चिल्लाई. जिसके बाद, वो जंगल की ओर भागा. जिसे पकड़कर उसका नाम पूछा गया. लेकिन उसने नहीं बताया, जिसके बाद उसकी पिटाई कर दी गई.

  3. ''महिला एक किराने की दुकान में खरीदारी के लिए आई थी. घटना जब हुई तब उसका पति फल खरीदने गया था.''

  4. ''तपस्या करके पागल सा हो गया. उसने महिला से पैसे लेने की कोशिश की. ऐसे में महिला को लगा कि वो बच्चा चोरी करने की कोशिश कर रहा है.''

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दिलचस्प बात ये है कि महिला ने पुलिस को बताया कि जब ये घटना हुई तब वो अपने बच्चे को गोद में लेकर अस्पताल के बाहर खड़ी थी.

घटना की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "शख्स ने कुछ पूछने के लिए अपना हाथ उठाया जिससे बच्चा रोने लगा. मां को लगा कि वो बच्चा चोर है और वो चिल्लाने लगी.

पुलिस ने बताया कि जिसकी पिटाई हुई वो मुरादाबाद का रहने वाला है. मेडिकल जांच के बाद उसे उसके चाचा के साथ भेज दिया गया है.

पुलिस ने आगे ये भी बताया कि ''ड्रग्स का आदी होने से पहले वो पीतल की पॉलिश करने वाली यूनिट्स में काम करता था. वो पैसों के लिए इधर-उधर घूमा करता था.''

बच्चा चोरी की अफवाह पहली बार नहीं 

ऐसा पहली बार नहीं है जब बच्चा चोरी से जुड़ी अफवाहें बढ़ी हों. साल 2018 में भी बच्चा चोरी से जुड़े कई झूठे मैसेज की वजह से कई जगह मारपीट और हिंसा हुई थी. एक बार फिर से ऐसी अफवाहों ने लोगों में डर और चिंता बढ़ा दी है.

अफवाहें क्यों फिर से बढ़ीं, इसकी मुमकिन वजहें पूछे जाने पर, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उस वीडियो का हवाला दिया जिसमें कुछ लोगों को एक जंगल में पैसे के लेन-देन की बातें करते हुए और उनके पीछे बेहोशी के हालत में पड़े तीन बच्चों को देखा जा सकता है. इस वीडियो को रिकॉर्ड करने वाले ने दावा किया कि इन बच्चों को किडनैप किया गया है. और अब उनको बेचा जा रहा है.

बच्चा चोरी का स्क्रिप्टेड वीडियो

(फोटो: Altered by The Quint)

ये काल्पनिक वीडियो वायरल हुआ था. हमारी फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ ने पाया कि वीडियो स्क्रिप्टेड है. वीडियो में एक डिसक्लेमर का भी इस्तेमाल किया गया था जिसमें बताया गया था कि ये वीडियो ''पूरी तरह से काल्पनिक'' है. पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे कई स्क्रिप्टेड वीडियो वायरल हुए हैं. जिससे पहले से ही खराब स्थिति और खराब हो गई है.

हालांकि, ऐसी बढ़ती अफवाहों और दहशत के बीच, कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इनके जाल में नहीं फंसते. सहल गांव में किराना की दुकान चलाने वाले ओम प्रकाश का कहन है, ''खून निकालने वाले, चोटी काटने वाले, बच्चा चोरी करने वाले- ऐसी अफवाहें गांव में फैलती रहती हैं. लेकिन ये सच नहीं होती.''

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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