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बच्चे को मार रहे पुलिसवाले का वीडियो 8 महीने पुराना है? नहीं

बीजेपी नेता से लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा कि वीडियो में पिट रहा लड़का चेन स्नैचर है.

क्विंट हिंदी
वेबकूफ
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(फोटो: Altered By Quint)
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(फोटो: Altered By Quint)

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सोशल मीडिया पर कई लोगों ने एक वीडियो- जिसमें एक पुलिसकर्मी सड़क पर बच्चे को लाठी से मार रहा है- पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वीडियो 8 महीने पुराना है और लड़का चेन स्नैचर है. ये प्रतिक्रिया मीडिया आउटलेट Mojo के अपलोड किए एक वीडियो पर आई.

हालांकि, दिल्ली पुलिस ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि घटना 22 अगस्त की रात की है. पुलिस ने वीडियो में दिख रहे पुलिस अफसर के आचरण की भी जांच दर्ज की है.

दावा

वीडियो को फेक बताने वालों में बीजेपी लीडर कपिल मिश्रा भी हैं, जिन्होंने कहा कि ये 8 महीने पुराना है और वीडियो में दिख रहा लड़का एक चेन स्नैचर है, जो सड़क पर महिलाओं पर ब्लेड से हमला करते पकड़ा गया था. मिश्रा के मुताबिक, लड़के ने पुलिसकर्मी पर भी हमला किया था, जिसके बाद उसकी पिटाई हुई.

(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)

Mojo Story ने 24 अगस्त को ये वीडियो पोस्ट किया था. ट्विटर पर कई यूजर्स ने वीडियो के जवाब में यही दावा किया.

(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)

फेसबुक पर कई लोगों ने इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया.

(स्क्रीनशॉट: फेसबुक)
(स्क्रीनशॉट: फेसबुक)
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हमें जांच में क्या मिला?

Mojo ने 24 अगस्त को ट्विटर पर वीडियो अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि इसमें दिल्ली के आरके पुरम में एक पुलिसकर्मी को एक युवा लड़के के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है. ये क्लिप वायरल हो गई और कई बॉलीवुड सितारों ने भी पुलिसकर्मी के बर्ताव की निंदा की और उसके खिलाफ जांच की मांग की.

सोशल मीडिया पर किए गए दावे से उलट, वीडियो 8 महीने पुराना नहीं हो सकता है. 8 महीने पुराने होने का मतलब है कि वीडियो जनवरी का है, लेकिन इसमें पुलिसकर्मी गर्म कपड़े नहीं पहने हुए हैं, जिसका मतलब है कि ये सर्दियों का नहीं है.

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर वीडियो की आलोचना होने के बाद, दिल्ली पुलिस ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया कि घटना 22 अगस्त की रात की है.

पुलिस के मुताबिक, एकता विहार जेजे कैंप के पास पैट्रोलिंग पर स्टाफ ने 4-5 लड़कों को एक पब्लिक टॉयलेट के पास घूमता हुआ पाया और उन्हें वहां से जाने के लिए कहा. पुलिस ने कहा कि जेजे कैंप की महिलाएं, जो खासकर रात में इस पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करती हैं, ने कई बार इसे लेकर शिकायत की थी.

स्पष्टीकरण में कहा गया, “3 बजे के आसपास उन्होंने फिर से उन्हें देखा और उनका पीछा किया गया. वीडियो में दिख रहे कॉन्स्टेबल के आचरण की जांच का आदेश दिया गया है.”

द इंडियन एक्सप्रेस ने एक पुलिस अफसर के हवाले से बताया, “एडिशनल डीसीपी (साउथ वे) अमित कौशिक ने तथ्यों की जांच करने और निष्कर्ष के आधार पर उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है.”

मीडिया आउटलेट Mojo वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त का है, जिसके कारण लोग दावा कर रहे हैं कि ‘बरखा गैंग’ फर्जी खबरें फैला रहा है. हालांकि, ये साफ हो गया है कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे झूठे हैं और वीडियो हाल ही का है.

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