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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ लोग बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट करते देखे जा सकते हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर हाल ही का बताकर शेयर किया जा रहा है.
वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि वीडियो असल में साल 2017 का है, जब मिजोरम में बीजेपी नेता दिलीप घोष के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी.
आरएसएस विचारक एस गुरुमूर्ति ने 20 मार्च को वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- Look at the behaviour of the Rohingya refugees for whom the liberals, seculars and courts are so compassionate. Actually the seculars will praise the Rohingyas for giving such a treatment to the Hindu BJP, liberals will feel happy. Courts may be shocked
हिंदी अनुवाद- रोहिंग्या शरणार्थियों के व्यवहार को देखिए, जिनको लेकर लिबरल, सेक्युलर और अदालतें काफी दयालु हैं. दरअसल, सेक्युलर लोग हिंदू बीजेपी के साथ रोहिंग्याओं के इस तरह के बर्ताव को प्रोत्साहित करेंगे. लिबरल खुश होंगे, अदालतों को झटका लग सकता है.
कुछ घंटों बाद ही एस गुरुमूर्ति ने बिना स्पष्टीकरण दिए ये ट्वीट डिलीट कर दिया.
इंफोसिस के पूर्व डायरेक्टर और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन मोहन पई ने भी बिना संदर्भ बताए 19 मार्च को ये वीडियो ट्वीट किया.
वीडियो 2020 से ही सोशल मीडिया पर वायरल है
वीडियो कुछ यूजर्स ने सीएए विरोधी आंदोलन से जोड़कर भी शेयर किया था
द क्विंट दिसंबर, 2020 में भी इस वीडियो की पड़ताल कर चुका है. जब, दार्जिलिंग में गोरखालैंड समर्थकों ने बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमला कर दिया था.
गूगल पर ‘Dilip Ghosh attacked by mob’ कीवर्ड सर्च करने से एबीपी न्यूज का 2017 का न्यूज बुलेटिन हमें मिला. इस रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेता दिलीप घोष पर कुछ गोरखा समर्थकों ने दार्जिलिंग में हमला कर दिया था.
इस घटना से जुड़ी कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी हमें मिलीं. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिलीप घोष विजय सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दार्जिलिंग गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारी कॉन्फ्रेंस हॉल में चल रही बीजेपी की मीटिंग में घुस गए और सबको वहां से जाने को कहने लगे. इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शनकारियों ने मारपीट भी की. बीजेपी नेताओं ने सदर पुलिस स्टेशन से मदद मांगी.
मतलब साफ है - वायरल वीडियो बीजेपी नेताओं पर हुए हमला का है, ये बात सच है. लेकिन 2017 के इस वीडियो को हाल का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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