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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला टैपिंग एक्सरसाइज के बारे में बात करती दिख रही है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (Tata Memorial Hospital) की ओर से अनुरोध किया गया है कि लोग इस वीडियो को देखें.
वीडियो में एक महिला टैपिंग एक्सरसाइज के अभ्यास और उसके फायदों के बारे में बताती दिख रही है.
पड़ताल में हमने पाया कि वीडियो का टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल से कोई संबंध नहीं है. वीडियो में जो महिला दिख रही है वो डॉ. मनीषा हैं. मनीषा हैदराबाद के द परफेक्ट हेल्थ में कंसल्टेंट डायटिशियन और एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट हैं.
वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा गया है, ''टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल सभी से इस वीडियो को देखने का अनुरोध करता है. ये कोई सामान्य मैसेज नहीं है. ये बहुत जरूरी है. प्लीज इसे अपने ग्रुप में फॉरवर्ड करें.''
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
सर्च रिजल्ट में जाकर देखने पर हमें इसी महिला का एक दूसरा फेसबुक वीडियो मिला. इस वीडियो में महिला उन एक्सरसाइज के बारे में बात कर रही थी जिनसे ''शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाया और मेनटेन'' किया जा सकता है.
वीडियो के कैप्शन के मुताबिक इसे "The Perfect Health Hyderabad" की ओर से शेयर किया गया था.
हमने "The Perfect Health Hyderabad" को कीवर्ड की तरह इस्तेमाल कर सर्च किया. हमें गूगल पर ऐसे कई वीडियोज मिले जिनमें यही महिला देखी जा सकती है, लेकिन ये वीडियो लिंक्स ओपन नहीं हो रहे थे.
हमें Silicon India Magazine में उनकी प्रोफाइल मिली, जिसमें रोगियों के इलाज में उनके नजरिए की बात की गई थी. इसमें बताया गया था कि उन्होंने 1995 में ओम साईराम परफेक्ट हेल्थ की स्थापना की थी. इसमें टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया था.
हमें 'The Perfect Health Hyd Koti' नाम का एक फेसबुक पेज भी मिला. इसमें डॉय मनीषा के कई वीडियो थे. वहीं टाटा मेमोरियल की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स में इनमें से कोई वीडियो नहीं था.
टैपिंग को इमोशनल फ्रीडम टेक्नीक (EFT) नाम से भी जाना जाता है. ये शारीरिक और इमोशनल समस्याओं का एक वैकल्पिक इलाज है. हमें इस टेक्नीक पर कई स्टडीज मिलीं, जिनमें कई तरह के दर्द पर इसके असर के बारे में बताया गया है.
2016 के एक रिव्यू के मुताबिक, EFT का इस्तेमाल करने से एंग्जायटी में भी काफी कमी देखी गई. इसी तरह के रिजल्ट साल 2019 के एक रिव्यू में भी पाए गए. इसमें पाया गया कि इससे चिंता, अवसाद, पीटीएसडी और दर्द जैसी कई चीजों में कमी देखी गई.
हालांकि, ये तरीका काफी सुरक्षित है, लेकिन इससे बीमारी सही करने के दूसरे तरीकों को रिप्लेस नहीं करना चाहिए. इसका इस्तेमाल सिर्फ ट्रीटमेंट के सहयोग के तौर पर किया जाता है. लोगों को ये सलाह भी दी जाती है कि उन्हें डॉक्टर्स और अपने मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से बात करनी चाहिए, ताकि ये पता किया जा सके कि उनकी किसी बीमारी में टैपिंग से फायदा होगा या नहीं.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
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