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सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो लोकसभा में बोलते हुए नजर आ रहे हैं और कथित तौर पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को डांटकर बैठने के लिए कह रहे हैं.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो हाल का नहीं है बल्कि 2014 का है. तब योगी आदित्यनाथ ने अपनी स्पीच के बीच में किसी को बैठने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा ओवैसी के लिए नहीं कहा था. ओरिजिनल वीडियो में ओवैसी वाला हिस्सा योगी के बैठने के वाले वाक्य के करीब 3 मिनट बाद आता है. तीन मिनट बाद वाले हिस्से को योगी के बैठने वाले वाक्य के तुरंत बाद बड़ी ही सावधानी से एडिटिंग के जरिए जोड़ा गया है और ये दिखाने की कोशिश की गई है कि उन्होंने ओवैसी के लिए ऐसा बोला.
सदन में किसी को डांटते हुए बैठने के लिए कहते योगी आदित्यनाथ का वीडियो इस नैरेटिव के साथ शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को बैठने के लिए कहा है. यूट्यूब पर Thakur Boys नाम के एक चैनल पर अपलोड किए गए इस वीडियो में लिखा है, ''बैठ जा ओवैसी जय हो योगी महाराज जी की.''
इस वीडियो को आर्टिकल लिखते समय तक 16 लाख से ज्यादा व्यू और 1 लाख 67 हजार से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं.
हमने वायरल वीडियो में योगी आदित्यनाथ की स्पीच को ध्यान से सुना. वीडियो में वो गुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर के बारे में बात करते दिख रहे हैं.
यहां से क्लू लेकर, हमने जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर यूट्यूब पर सर्च किया. हमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर एक वीडियो मिला. जिसका टाइटल था, ''Shri Yogi Adityanath on the need for more effective mechanism to deal with communal violence''. ये वीडियो 14 अगस्त 2014 को अपलोड किया गया था.
23 मिनट 11 सेकंड लंबे इस वीडियो के 10 मिनट 16 वें सेकंड के बाद योगी आदित्यनाथ गुरुदेव रबीन्द्र नाथ टैगोर के बारे में वही बोलते नजर आ रहे हैं जो वायरल वीडियो में दिख रहा है.
ओवैसी वीडियो के 13 मिनट 16वें सेकंड पर खड़े दिखते हैं और योगी आदित्यनाथ के आंकड़ों को गलत बताते हैं. इसके बाद, वो वीडियो के 14 मिनट 5वें सेकंड में उसी अवस्था में बैठते देखे जा सकते हैं, जैसे कि वायरल वीडियो में वो बैठते दिख रहे हैं.
ये साफ है कि वीडियो के 10 मिनट 16 सेकंड के बाद वीडियो का 14 मिनट 5वां सेकंड एडिट करके इस तरह से जोड़ा गया है कि उसे देखने में ऐसा लगता है कि योगी आदित्यनाथ ओवैसी को डांटकर बैठने के लिए कह रहे हैं. जबकि योगी किसी महिला को बैठने के लिए कह रहे थे.
इसके अलावा, हमने वीडियो को ध्यान से देखा. वीडियो में नीचे ये टेक्स्ट चल रहा था, ''Discussion Under Rule 193 lok sabha yogi adityanath''.
इसे ही कीवर्ड की तरह इस्तेमाल कर हमने गूगल पर टाइम फिल्टर लगाकर फिर से सर्च किया. हमें 13 अगस्त 2014 को लोकसभा में योगी आदित्यनाथ की स्पीच से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. NDTV पर 13 अगस्त 2014 को ही पब्लिश एक रिपोर्ट में वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया था.
'BJP's Yogi Adityanath Says 'Hindus Must Be Prepared to Organize Themselves' हेडलाइन वाली इस स्टोरी पर वही बातें लिखी गई थीं जो बातें ओरिजिनल वीडियो में बोलते नजर आ रहे हैं. योगी आदित्यनाथ को 1984 के सिख दंगों और कश्मीरी पंडितों को लेकर बोलते देखा जा सकता है. इसके अलावा, वो ये बोलते हुए भी नजर आ रहे हैं कि ''हिंदू राष्ट्रीयता का प्रतीक है और अगर हिंदुत्व को बदनाम करोगे तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.''
योगी आदित्यनाथ की इस स्पीच से जुड़ी रिपोर्ट हमें First Post और Economic Times पर भी मिलीं, जो 14 अगस्त 2014 को पब्लिश हुई थीं. इन रिपोर्ट्स में भी योगी आदित्यनाथ के 13 अगस्त 2014 की स्पीच के बारे में लिखा गया था. लेकिन ऐसी रिपोर्ट कहीं नहीं मिली कि उन्होंने ओवैसी को डांटकर बैठाया है.
मतलब साफ है कि 8 साल पुराने वीडियो के दो अलग-अलग समय के विजुअल एक साथ जोड़कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ने असदुद्दीन ओवैसी को डांटकर बिठा दिया. ये दावा सही नहीं है.
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