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योगी का दावा ‘2 साल में दंगामुक्त हुआ यूपी’ कितना सच, कितना झूठ?

योगी का अपराध मुक्त राज्या का दावा कितना सच कितना झूठ?

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योगी आदित्यनाथ का दावा उनके शासनकाल में नहीं हुए दंगे
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योगी आदित्यनाथ का दावा उनके शासनकाल में नहीं हुए दंगे
(फोटो: क्विंट)

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सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुछ ट्वीट तेजी से वायरल हो रहे हैं. आदित्यनाथ ने अपने इन ट्वीट में दावा किया है कि उनके अब तक के शासनकाल में राज्य में शांति है और किसी तरह के दंगे नहीं हुए.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 3 जनवरी को ट्वीट करते हुए लिखा, “मार्च में मेरे शासनकाल के दो वर्ष पूरे होंगे. मेरे अब तक के शासन में कोई दंगा नहीं हुआ है.''

अपने शासन की तारीफ करते हुए योगी आदित्यनाथ ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, “हमने संगठित किस्म के अपराध पर एक हद तक काबू पा लिया है. हमने कानून के राज को मजबूत बनाया है. पारिवारिक झगड़े या निजी दुश्मनी के कुछ मामलों को छोड़ दें, तो फिर पूरे प्रदेश में अब लोग सुरक्षित हैं.”

योगी आदित्यनाथ के ट्वीट को लोग बड़े पैमाने पर तेजी से शेयर कर रहे हैं. उनके पहले ट्वीट को दो हजार से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया है और दूसरे ट्वीट को भी 500 से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया है.
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अगर विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आकड़ों की बात करें, तो योगी आदित्यनाथ के दावे सच्चाई से बहुत दूर नजर आते हैं. आइए योगी आदित्यनाथ के दोनों ट्वीट के दावों पर एक-एक करके सरसरी नजर डालते हैं.

  • योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीनों बाद ही मई 2017 में सहारनपुर में जातीय हिंसा हुई. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए थे.
  • जनवरी, 2018 में यूपी के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जहां एक व्यक्ति की मौत हुई थी.
  • बीते साल दिसंबर में पश्चिमी यूपी के बुलंदशहर में गोकशी के नाम पर हुई हिंसा में एक पुलिस अधिकारी समेत दो लोगों की मौत हुई.
  • साल 2018 के खत्म होने से ठीक कुछ दिन पहले गाजीपुर में पीएम मोदी की रैली के बाद हिंसा हुई. इसमें एक पुलिस वाले की मौत हो गई.

आइए अब बात योगीआदित्यनाथ के दूसरे ट्वीट की करते हैं. इसमें यूपी के सीएम दावा करते हैं कि राज्य में लोग सुरक्षित हैं और सब कुछ ठीक चल रहा है.

  • फैक्टचेकर डॉट इन की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुतबिक, साल 2018 में 26 दिसंबर तक धार्मिक हिंसा के 93 मामले सामने आए हैं, जो पिछले एक दशक में हुए धार्मिक हिंसा में सबसे ज्यादा है. इनमें हिंसा के सबसे ज्यादा 27 मामले अकेल यूपी से हैं.
  • इसी साइट की एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, जब से भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई है, तब से लेकर अब तक देशभर में गोहत्या से जुड़ी हिंसा के 69 परसेंट मामले अकले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं.
  • इसके अलावा गृह मंत्रालय की रिपोर्ट भी योगी आदित्यनाथ के दावे के गलत साबित करती है. फरवरी 2018 में संसद में पेश हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में सांप्रदायिक हिंसा के सबसे ज्याद मामले उत्तर प्रदेश में हुए हैं.
साल 2017 में  योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद से उत्तर प्रदेश में हुए संप्रदायिक हिंसा में कुल 44 लोगों की मौत हुई है और 540 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

यह कोई पहला मौका नहीं है, जब योगी आदित्यनाथ ने तथ्यों से मुंह चुराया हो. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने जब संसद में अपना आंकड़ा पेश किया, उस समय भी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनके अब तक के शासनकाल में कोई हिंसा नहीं हुई है.

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Published: 04 Jan 2019,05:38 PM IST

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