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अफगानिस्तान (Afghanistan) में शनिवार, 7 अक्टूबर को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 2,000 के पार पहुंच गई है. तालिबान सरकार ने कहा है कि अब तक 9,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 6.3 तीव्रता के इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 गांव नष्ट हो गए हैं और सैकड़ों नागरिक मलबे के नीचे दबे हैं. 3 घंटे के अंदर यहां 6 आफ्टर शॉक भी महसूस किए गए थे.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप हेरात शहर से 35 किमी (20 मील) उत्तर पश्चिम में आया था, जिसकी तीव्रता 6.3 मापी गई. इसके बाद तीन तेज आफ्टर शॉक भी महसूस किए, जिनकी तीव्रता 6.3, 5.9 और 5.5 थी. वहीं तीन हल्के शॉक भी आए थे.
आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता मुल्ला जनान सईक ने रॉयटर्स को बताया कि भूकंप की वजह से अब तक 2,053 लोगों की जान गई है. जबकि, 9,240 लोग घायल हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 1,329 घर या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.
इस बीच, हेरात स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी डॉ. दानिश ने बताया कि 200 से अधिक मृतकों को विभिन्न अस्पतालों में लाया गया था. उन्होंने आगे कहा कि मृतकों में बड़ी संख्या महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. उन्होंने कहा, ''शवों को कई जगहों पर ले जाया गया है - सैन्य ठिकानों, अस्पतालों में.''
संयुक्त राष्ट्र ने मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका जताई है. UN ने कहा, "स्थानीय अधिकारियों को हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि ढही हुई इमारतों के नीचे कुछ लोगों के फंसे होने की खबरों के बीच खोज और बचाव प्रयास जारी हैं."
आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जान ने बताया कि हेरात प्रांत के जेंडा जान जिले के चार गांवों में भूकंप और उसके बाद के झटकों से भारी नुकसान हुआ है.
एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने बताया, “भूकंप के बाद से लगातार मरने वालों और घायलों की जानकारी मिल रही है, टीमें अस्पतालों में घायलों के इलाज में सहायता कर रही हैं और अतिरिक्त जरूरतों का आकलन भी किया जा रहा है. WHO समर्थित एंबुलेंस प्रभावित लोगों को ले जा रही हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.''
तालिबान सरकार में आर्थिक मामलों के उपप्रधान मंत्री अब्दुल गनी बरादर ने हेरात और बदगीस में भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. तालिबान ने संकट की इस घड़ी में स्थानीय संगठनों से मदद की गुहार लगाई है. जिससे की घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने, अपने घर खो चुके लोगों को आश्रय देने और जीवित बचे लोगों को भोजन पहुंचाने में मदद की जा सके.
इसके साथ ही तालिबान ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियां मलबे में दबे लोगों को निकालने में मदद करें. लोगों को निकालने में जितनी भी संसाधनों की जरूरत हो उसका इस्तेमाल करें.
पिछले साल जून महीने में भी अफगानिस्तान में तेज भूकंप आया था. 6.1 तीव्रता के इस भूकंप से पक्तिका प्रान्त थर्रा उठा था. एपी के अनुसार, इस भूकंप ने कम से कम 1,000 लोगों की जान ले ली थी और लगभग 1,500 लोग घायल हुए थे. सैकड़ों घर जमींदोज हो गए थे.
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